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अफगानिस्तान का पाक पर बड़ा हमला, 20 से अधिक सैनिक मारे

अफगान तालिबान ने काबुल हवाई हमले के बाद डूरंड रेखा पर पाकिस्तानी चौकियों पर हमला किया। ननग्रहर, कुनर, हेलमंद में झड़पें, 20+ पाक सैनिक मारे गए। टीटीपी नेता नूर वाली मेहसूद की मौत? जानिए पूरा अपडेट।

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Dhiraj Dhillon
Afghanistan-Pakistan conflict
नई दिल्ली/इस्लामाबाद, वाईबीएन न्यूज। अफगानिस्तान और पाकिस्तान (Afghanistan-Pakistan conflict) के बीच सीमा तनाव चरम पर पहुंच गया है। 9 अक्टूबर को काबुल में पाकिस्तानी हवाई हमले के बाद अफगान तालिबान ने डूरंड रेखा पर कई जगहों पर जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी है। तालिबान की 201 खालिद बिन वलीद कोर ने ननग्रहर, कुनर, हेलमंद, बाजौर, कुर्रम, उत्तरी वजीरिस्तान और पक्तिका जैसे क्षेत्रों में पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर हमले किए हैं। 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान ने कम से कम 3-6 पाकिस्तानी चौकियां कब्जे में ले ली हैं, जबकि पाकिस्तान ने अफगान चौकियों को नष्ट करने का दावा किया है। इस संघर्ष में 20 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों और कई तालिबान लड़ाकों की मौत हो चुकी है, साथ ही एक नागरिक की भी जान गई है। लड़ाई अभी जारी है, और पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के युद्धविराम प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है।

जानिए क्या है पूरा मामला ?

9 अक्टूबर की देर रात काबुल के अब्दुल हक चौक के पास पाकिस्तानी वायुसेना ने हवाई हमला किया, जिसमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के सरगना नूर वाली मेहसूद का वाहन निशाना बनाया गया। पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, इस हमले में टीटीपी के कम से कम दो वरिष्ठ सदस्य मारे गए, और मेहसूद की मौत की आशंका है। हालांकि, टीटीपी ने एक ऑडियो रिलीज कर दावा किया कि मेहसूद जिंदा हैं। हमले में कुछ नागरिकों की भी मौत हुई, जिसकी पुष्टि अफगान मीडिया ने की है।
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Taliban-Pakistan conflict

"अफगान हवाई क्षेत्र का घोर उल्लंघन"

अफगान तालिबान सरकार ने इसे "अफगान हवाई क्षेत्र का घोर उल्लंघन" बताते हुए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्लाह खावरजमी ने कहा, "यह ऐतिहासिक रूप से अभूतपूर्व हिंसक और उकसाने वाला कृत्य है। अगर स्थिति बिगड़ती है, तो इसके परिणाम पाकिस्तानी सेना के जिम्मे होंगे।" उसी रात पक्तिका प्रांत के एक बाजार में भी पाकिस्तानी हमले की खबरें आईं, जहां कोई हताहत नहीं हुआ। पाकिस्तान ने हमले की पुष्टि नहीं की, लेकिन कहा कि अफगानिस्तान से संचालित हो रहे टीटीपी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार है। 

डूरंड रेखा पर तीव्र झड़पें: तालिबान का जवाब

11 अक्टूबर की रात से शुरू हुई झड़पें 12 अक्टूबर को भी जारी रहने की खबरें आ रही हैं। तालिबान ने 7 से 27 स्थानों पर पाकिस्तानी चौकियों पर हमला बोला, जिसमें तोपखाने, मोर्टार और स्नाइपर फायर का इस्तेमाल किया गया। ननग्रहर के अचिन जिले में एक पाकिस्तानी चौकी को बम से उड़ा दिया गया, जबकि हेलमंद और जाबुल में दो चौकियां तालिबान के कब्जे में चली गईं। कुनर प्रांत के मरावारा, सरकानो और दंगम जिलों में भी गोलीबारी हुई।

पाकिस्तान ने अफगानी चौकियां उड़ाने का दावा किया

पाकिस्तानी पक्ष ने तोपखाने से जवाब दिया और दावा किया कि उन्होंने कई अफगान चौकियां नष्ट कर दीं। एक पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा, "अफगान तालिबान की अकारण गोलीबारी का पूर्ण बल से जवाब दिया गया।" कुर्रम जिले के तिरी गांव में अफगान मोर्टार से एक नागरिक की मौत और एक बच्चे के घायल होने की खबर है। 
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तालिबान ने कहा- यह काबुल हमले का बदला है

तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि यह "काबुल हमले का बदला" है और अगर पाकिस्तान फिर उकसाएगा, तो "निर्णायक जवाब" दिया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- कम से कम 20 सैनिक और एक नागरिक की मौत हुई है। कुछ रिपोर्ट्स में तीन सैनिकों की मौत की बात कही गई है। वहीं अफगानिस्तान का कहना है- कई तालिबान लड़ाके मारे गए, लेकिन सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं। सीमा पर तनाव के कारण स्थानीय निवासी डर के मारे भाग रहे हैं। कुणार और बाजौर में विस्थापन की स्थिति बनी हुई है। 

लंबे समय से है सीमा पर तनाव

2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान-तिब्बान संबंध खराब हो गए। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान टीटीपी को पनाह दे रहा है, जो 2025 में अब तक 2024 के पूरे वर्ष जितने हमले कर चुका है। 7 अक्टूबर को टीटीपी के एक हमले में 11 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे, जिसके जवाब में काबुल हमला हुआ। भारत के साथ तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी की हालिया यात्रा से भी पाकिस्तान आग- बबूला हो रहा है चिढ़ाया। इधर भारत ने काबुल में अपना दूतावास दोबारा खोलने का ऐलान किया है।
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अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया भी जानें

ईरान, कतर और सऊदी अरब ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र ने शांति वार्ता की मांग की। विशेषज्ञों का कहना है कि यह "आंख के बदले आंख" का चक्र तालिबान-टीटीपी गठजोड़ को उजागर कर रहा है, जो पाकिस्तान के लिए खतरा है।स्थिति अभी भी नाजुक है। दोनों देशों की सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं, और आगे बढ़ने की आशंका है।
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