नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।
pakistan | america | अमेरिका ने पाकिस्तान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को लेकर बड़ी कार्रवाई करते हुए दो दर्जन से अधिक पाकिस्तानी कंपनियों को अपनी प्रतिबंध सूची में डाल दिया है। अमेरिकी वाणिज्य विभाग के उद्योग एवं सुरक्षा ब्यूरो (BIS) ने इन कंपनियों को अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए इन पर सख्त प्रतिबंध लगा दिए हैं। इन प्रतिबंधों के बाद अब इन कंपनियों को अमेरिकी तकनीक और उपकरणों तक पहुंचने में बड़ी रुकावटों का सामना करना पड़ेगा।
किन कंपनियों पर लगे प्रतिबंध?
अमेरिका ने पाकिस्तान की 13 कंपनियों को परमाणु गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में और 7 अन्य को बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में सहयोग देने के लिए प्रतिबंधित किया है। इनमें ब्रिटलाइट इंजीनियरिंग, इंटेनटेक इंटरनेशनल, इंट्रालिंक इनकॉर्पोरेटेड, प्रोक मास्टर, रहमान इंजीनियरिंग एंड सर्विसेज, बिजनेस कंसर्न, ग्लोबल ट्रेडर्स और लिंकर्स ऑटोमेशन जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं। ये कंपनियां मुख्य रूप से इस्लामाबाद, कराची, लाहौर और वाह कैंटोनमेंट में स्थित हैं।
अमेरिका ने क्यों लिया यह कदम?
अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि ये कंपनियां पाकिस्तान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को बढ़ावा दे रही हैं, जो अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के लिए खतरा हैं। इन प्रतिबंधों के बाद अब इन कंपनियों को अमेरिकी तकनीक, सामान या सेवाएं खरीदने के लिए विशेष लाइसेंस लेना होगा, जिसे अमेरिकी सरकार आसानी से मंजूर नहीं करेगी।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया – "अनुचित और राजनीतिक"
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के इस कदम को "अनुचित और राजनीतिक रूप से प्रेरित" बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह कार्रवाई पाकिस्तान के आर्थिक विकास में बाधा डालने वाली है और यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाता है और यह उसका संप्रभु अधिकार है।
अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों पर असर
अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद से अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं। अमेरिका पाकिस्तान पर आरोप लगाता रहा है कि वह आतंकवादी गुटों को समर्थन देता है, जबकि पाकिस्तान इन आरोपों को खारिज करता आया है। इस नई कार्रवाई से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।
क्या होगा अगला असर?
इन प्रतिबंधों का सीधा असर पाकिस्तान के रक्षा और तकनीकी क्षेत्र पर पड़ेगा। कई पाकिस्तानी कंपनियां अमेरिकी तकनीक पर निर्भर हैं, और अब उन्हें विकल्प तलाशने होंगे। इसके अलावा, यह कदम पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी नुकसान पहुंचा सकता है, क्योंकि यह स्पष्ट संकेत है कि अमेरिका पाकिस्तान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को लेकर गंभीर चिंतित है।
अमेरिका की यह कार्रवाई पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है और इससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है। अब देखना होगा कि पाकिस्तान इस चुनौती का जवाब कैसे देता है और क्या वह चीन या अन्य देशों से समर्थन मांगता है।