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Fordow को तबाह करने के लिए 15 सालों से प्लानिंग कर रहा था अमेरिका

फोर्डो एक पहाड़ के अंदर लगभग आधा मील की दूरी पर स्थित है। इस पर 2009 में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की नजर पड़ी थी। लेकिन चिंता ये थी कि कोई भी अमेरिकी हथियार इसे प्रभावी रूप से नष्ट नहीं कर सकता था।

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Shailendra Gautam
donald trump

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः ईरानी परमाणु ठिकानों पर गए गए बमों को बनाने के लिए अमेरिका 15 सालों से जुटा था। इनके अलावा ऐसा कोई दूसरा हथियार अमेरिका के पास नहीं था जिससे पहाड़  के आधा मील भीतर बने परमाणु ठिकाने को नष्ट किया जा सके। ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल डैन केन के अनुसार ईरान के फोर्डो परमाणु ठिकाने पर अमेरिकी हमला 15 साल गुप्त सैन्य प्रयास का परिणाम था। केन ने इस ऑपरेशन को ऑपरेशन मिडनाइट हैमर बताकर कहा कि अमेरिकी सेना के साथ मिलकर वैज्ञानिक 15 सालों से एक खास काम कर रहे थे। : Iran Israel conflict 2025

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पहाड़ के अंदर लगभग आधा मील की दूरी पर स्थित है फोर्डो

फोर्डो एक पहाड़ के अंदर लगभग आधा मील की दूरी पर स्थित है। इस पर 2009 में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की नजर पड़ी थी। लेकिन चिंता ये थी कि कोई भी अमेरिकी हथियार इसे प्रभावी रूप से नष्ट नहीं कर सकता था। कैन ने न्यूयॉर्क पोस्ट को बताया कि अधिकारियों ने डिफेंस थ्रेट रिडक्शन एजेंसी (DTRA) के एक अधिकारी के साथ मिलकर निष्कर्ष निकाला कि अमेरिका के पास ऐसे हथियार की कमी है जो लक्ष्य पर प्रभावी ढंग से हमला करने और उसे बेअसर करने में सक्षम हो। इसने 30,000 पाउंड के GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) को डेवलप करने पर जोर दिया, जो एक शक्तिशाली बंकर-बस्टर बम है। फोर्डो जैसी सख्त परमाणु ठिकाने को बेअसर करने के लिए ही इसे डिजाइन किया गया था। MOP अमेरिका द्वारा निर्मित अब तक के सबसे तकनीकी रूप से जटिल हथियारों में से एक है।

अमेरिकन एजेंसियों ने पहला ही पता लगा ली थी फोर्डो की बनावट

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उन्होंने बताया कि DTRA टीम ने फोर्डो का विश्लेषण किया ताकि यह पहचाना जा सके कि इसको बेअसर करने के लिए किन चीजों को नष्ट करने की आवश्यकता होगी। परियोजना के पीछे प्रयास का पैमाना बहुत बड़ा था। हमारे पास MOP कार्यक्रम पर मॉडलिंग और सिमुलेशन करने वाले इतने सारे विशेषज्ञ थे कि हम चुपचाप और गुप्त तरीके से सुपरकंप्यूटर पर बम की प्लानिंग कर सकते थे। पेंटागन ने निजी और सामरिक विशेषज्ञों के साथ साझेदारी में हथियार को बनाने में सालों लगाए। केन ने न्यूयॉर्क पोस्ट को बताया कि ईरान ने हमले को रोकने के लिए वेंटिलेशन शाफ्ट को कंक्रीट से बंद करने की कोशिश की लेकिन अमेरिका ने पहले से ही इसके लिए तैयारी कर ली थी। पहला बम कंक्रीट को तोड़कर मुख्य शाफ्ट को ओपन कर गया। कुल मिलाकर चार बम ठिकाने पर गिराए गए। 1000 फीट प्रति सेकेंड से अधिक की रफ्तार से ये बम नीचे की ओर बढ़े और विस्फोट हो गया।

21 जून को ईरान के परमाणु ठिकानों पर बरसाए गए थे 4 बम

GBU-57, जिसे विशेष रूप से B-2 स्टील्थ बॉम्बर से ले जाया जा सकता है, अमेरिकी सेना का सबसे शक्तिशाली बम है। स्टील के खोल में रखे बम की खासियत है कि फ्यूज में जितनी अधिक देरी होगी, बम उतनी ही गहराई तक प्रवेश करेगा। और लक्ष्य में प्रवेश करेगा। 21 जून को फोर्डो पर हमला बम की सटीतता को दर्शाता है।

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American strike, Iran's Fordow, nuclear enrichment facility, 15-year-long military effort, specialised weapons, Chairman of the Joint Chiefs of Staff, Lt. Gen. Dan Caine

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