अब अमेरिका में खालिस्तानियों को भारत विरोधी गतिविधियां संचालित करने की अनुमति नहीं मिलेगी। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के बीच हुई बैठक में इस विषय पर सहमति बनी। यह बैठक 20 देशों के खुफिया प्रमुखों की चल रही बैठक के दौरान द्विपक्षीय वार्ता के रूप में आयोजित की गई।
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
हालांकि बैठक को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया, लेकिन सूत्रों के अनुसार दोनों अधिकारियों के बीच सकारात्मक चर्चा हुई। बातचीत के दौरान खुफिया जानकारी साझा करने की प्रक्रियाओं को मजबूत करने और भारत-अमेरिका की वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के तहत सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने पर विशेष रूप से विचार किया गया।
खुफिया प्रमुखों की बैठक में भाग लेने आई हैं तुलसी गबार्ड
तुलसी गबार्ड मुख्य रूप से खुफिया प्रमुखों की बैठक में भाग लेने के लिए भारत आई हैं। इसके अलावा, वह 18 मार्च को होने वाले रायसीना डायलॉग में भी हिस्सा लेंगी, जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आमंत्रित किया है। यह डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के किसी शीर्ष अधिकारी की भारत में पहली उच्चस्तरीय यात्रा है।
खुफिया प्रमुखों के सम्मेलन की अध्यक्षता
सम्मेलन में अमेरिका और कनाडा के अलावा ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और न्यूजीलैंड सहित कई देशों के खुफिया अधिकारी मौजूद थे। गबार्ड की यह भारत यात्रा DNI के रूप में उनकी दूसरी अंतरराष्ट्रीय यात्रा है। इससे पहले, उन्होंने जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में भाग लिया था। भारत यात्रा से पहले, उन्होंने वाशिंगटन डी.सी. में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी, जहां उन्होंने वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की।
पीएम मोदी और तुलसी गबार्ड की मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान तुलसी गबार्ड से मुलाकात की थी। वह ‘ब्लेयर हाउस’ में प्रधानमंत्री से मिलने वाली पहली अमेरिकी अधिकारी थीं। इस मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से मुलाकात हुई।"
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