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नई दिल्ली, वाईबएन डेस्कः भारत के विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तानी धरती पर पकड़ने वाले अफसर के जनाजे में फील्ड मार्शल आसिम मुनीर खुद शामिल हुए। मुनीर ने कहा कि 37 साल की उम्र में मेजर मोइज अब्बास शाह ने ऐसी बहादुरी दिखाई जिसके लिए सेना उन पर फख्र करती है। शाह की तहरीक ए तालिबान के आतंकियों से हुई मुठभेड़ में मौत हो गई थी। मुनीर ने कहा कि शाह ने आतंकियों से लोहा लेने मं कोई कसर नहीं छोड़ी थी। वो उनका मुकाबला करते हुए शहीद हुए। इस मुठभेड़ में शाह समेत पाकिस्तानी सेना के दो अफसर मारे गए थे। Khyber Pakhtunkhwa के इलाके में हुई मुठभेड़ में 11 आतंकी भी मारे गए।
पाकिस्तानी सेना बोली- शाह को था खतरों से खेलने का शौक
शाह का अंतिम संस्कार रावलपिंडी के Chaklala Garrison में किया गया। शाह के जनाजे में मुनीर के साथ पाकिस्तानी सेना के तकरीबन सारे टाप जनरल मौजूद रहे। पाकिस्तानी सेना का कहना था कि 37 साल के शाह को जब आतंकियों के वजीरस्तान में होने की खबर लगी तो वो जितने भी सैनिक मौजूद थे उनके साथ ही आतंकियों का मुकाबला करने के लिए निकल पड़े थे। ये बहादुरी की बेहतरीन मिसाल थी। शाह ने इस बात का भी इंतजार नहीं किया कि बैकअप टीम आ रही होगी। उन्होंने अपने साथियों से कहा कि हमें उनको मार गिराना है।
अभिनंदन को गिरफ्तार करके शाह बन गए थे पाकिस्तान के पोस्टर ब्वाय
मेजर मोइज अब्बास शाह 2019 में अचानक सुर्खियों में आए थे। दरअसल पुलवामा हमले के बाद जब पाकिस्तान और भारत के बीच हवाई युद्ध हुआ तो भारत की तरफ से जिस हवाई बेड़े ने पाकिस्तान पर हमला बोला उसमें विंग कमांडर अभिनंद वर्धमान भी शामिल थे। लड़ाई के दौरान अभिनंदन का विमान लाइन आफ कंट्रोल के पास पाकिस्तानी इलाके में गिर पड़ा। अभिनंदन को सबसे पहले मेजर मोइज अब्बास शाह ने ही गिरफ्तार किया था। हालांकि अभिनंदन को 58 घंटे बाद भारतीय सेना के हवाले कर दिया गया। लेकिन उनको गिरफ्तार करके मेजर मोइज अब्बास शाह पाकिस्तान के पोस्टर ब्वाय बन बैठे।
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