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थी भोजन की तलाश, मिली मौत, palestinian नागरिकों पर हमला, 30 की मौत, 175 घायल

गाजा पट्टी के रफ़ा इलाके में रविवार को भोजन की तलाश में जुटे नागरिकों पर हुए इजरायली हवाई हमले में कम से कम 30 फिलस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई, जबकि 175 से अधिक घायल हो गए।

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Ranjana Sharma
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: गाजा पट्टी में जारी मानवीय संकट एक बार फिर भयानक त्रासदी में तब्दील हो गया, जब राहत सामग्री की तलाश में जा रहे दर्जनों नागरिकों को जान से हाथ धोना पड़ा। रविवार को रफ़ा इलाके में हुए एक हवाई हमले में कम से कम 30 फिलस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई, जबकि 175 से अधिक लोग घायल हुए।

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भोजन के लिए जा रहे थे लोग

घटना उस समय हुई जब बड़ी संख्या में लोग इजरायल समर्थित मानवीय सहायता वितरण केंद्र की ओर भोजन और अन्य जरूरी सामान लेने के लिए जा रहे थे। लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उन पर हवाई हमला हो गया। घायलों और मृतकों को रफ़ा स्थित रेडक्रॉस द्वारा संचालित एक अस्पताल में लाया गया, जहां एपी (Associated Press) के एक पत्रकार ने दर्जनों जख्मी लोगों को इलाज के लिए भर्ती होते देखा।

हामास को सहायता पहुंचने से रोकना है उद्देश्य

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यह हमला उस विवादास्पद मानवीय सहायता वितरण प्रणाली के अंतर्गत हुआ, जिसे इजराइल और अमेरिका का समर्थन प्राप्त है। इस तंत्र का उद्देश्य हामास को सहायता पहुंचने से रोकना है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र और कई अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठनों ने इसकी आलोचना करते हुए कहा है कि यह प्रणाली मानवीय सिद्धांतों का उल्लंघन करती है। गाजा में हालात दिन-ब-दिन गंभीर होते जा रहे हैं, जहां खाद्य संकट अपने चरम पर है और नागरिकों की सहायता केवल अंतरराष्ट्रीय राहत पर निर्भर हो गई है।

27 मई को भी हुआ था हमला

इससे पहले, 27 मई को भी रफ़ा के टेल अल-सुलतान इलाके में ऐसा ही हमला हुआ था, जिसमें कम से कम 10 नागरिक मारे गए और 62 घायल हुए थे। यह घटना भी एक इजरायली समर्थित सहायता केंद्र के पास हुई थी। स्थानीय चश्मदीदों के अनुसार, इजरायली बलों ने उन नागरिकों पर गोलीबारी की जो सहायता सामग्री लेने के लिए कतार में खड़े थे।

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नागरिकों की सुरक्षा पर उठे सवाल

लगातार हो रही इन घटनाओं ने गाज़ा में नागरिकों की सुरक्षा और मानवीय सहायता वितरण की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वर्तमान हालात में राहत सामग्री जीवन रेखा की तरह है, लेकिन उस तक पहुंचना भी अब मौत के जोखिम से कम नहीं रहा।

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