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Bangladesh Garment Industry: 7 महीने में 140 फैक्ट्रियां बंद, एक लाख से अधिक बेरोजगार

पूर्व प्रधानमंत्री के तख्तापलट के बाद राजनीतिक अस्थिरता और वैश्विक आर्थिक मंदी के चलते विदेशी निवेशकों का विश्वास डगमगाया है, जिससे फैक्ट्रियों पर असर पड़ा है।

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Ajit Kumar Pandey
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।

Bangladesh news : बांग्लादेश का गारमेंट उद्योग इस समय गहरे संकट के दौर से गुजर रहा है। राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक चुनौतियों के चलते पिछले सात महीनों में 140 से अधिक कपड़े की फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं, जिससे करीब एक लाख श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। इस संकट ने बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले इस महत्वपूर्ण क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है।

फैक्ट्रियों के बंद होने का कारण

राजनीतिक अस्थिरता: पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के तख्तापलट के बाद देश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है, जिससे विदेशी निवेशकों का विश्वास डगमगाया है। कई गारमेंट कंपनियों के मालिक, जिनमें हसीना की पार्टी अवामी लीग के नेता भी शामिल हैं, देश छोड़कर भाग रहे हैं, जिससे फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं।

आर्थिक मंदी: वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण कपड़ों की मांग में कमी आई है, जिससे बांग्लादेश के गारमेंट उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। गारमेंट सेक्टर से लगभग 20% ऑर्डर भारत, वियतनाम, श्रीलंका, इंडोनेशिया और पाकिस्तान जैसे देशों में स्थानांतरित हो गए हैं।

वेतन बकाया: कई गारमेंट कंपनियों में श्रमिकों का दो से 14 महीने तक का वेतन बकाया है, जिससे वे सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। ईद के करीब आने से स्थिति और भी खराब हो रही है।

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क्षेत्रीय प्रभाव: गाजीपुर, सावर, नारायणगंज और नर्सिंदी जैसे प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में 50 से अधिक फैक्ट्रियां पूरी तरह से बंद हो चुकी हैं, जबकि लगभग 40 फैक्ट्रियां अस्थायी रूप से बंद हैं।

उद्योग की संरचना

  • गारमेंट उद्योग बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है, जो देश की 84% विदेशी मुद्रा अर्जित करता है।
  • यह उद्योग लगभग 50 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और 1.5 करोड़ लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है।
  • इस उद्योग में महिलाओं की बड़ी भागीदारी है, जो देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

सरकार की प्रतिक्रिया: सरकार का तर्क है कि बाजार में ऑर्डर कम होने के कारण उत्पादन ठप हो गया है। हालांकि, गारमेंट वर्कर्स ट्रेड यूनियन सेंटर का दावा है कि यह तर्क गलत है और राजनीतिक कारणों से संकट गहराया है।

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भविष्य की आशंकाएं: यदि इस संकट को नियंत्रित नहीं किया गया, तो बांग्लादेश में आर्थिक मंदी का खतरा बढ़ जाएगा। ईद के बाद और अधिक फैक्ट्रियां बंद होने की आशंका है, जिससे बेरोजगारी और आर्थिक अस्थिरता और बढ़ेगी।

राजनीतिक परिदृश्य

  • बांग्लादेश में नई छात्र-नेतृत्व वाली पार्टी 'नेशनल सिटिजन पार्टी' (NCP) और सेना के बीच विवाद बढ़ रहा है।
  • NCP ने सेना पर शेख हसीना की अवामी लीग को सत्ता में वापस लाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है, जिसे सेना ने खारिज कर दिया है।
  • यह संकट बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक स्थिरता के लिए गंभीर चुनौतियां पैदा करता है।
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