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ढाका, आईएएनएस। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के हालिया इंटरव्यू को लेकर कड़ा विरोध जताया है। भारतीय मीडिया को दिए गए इस इंटरव्यू के बाद ढाका में भारतीय उप उच्चायुक्त पवन बधे को तलब कर विदेश मंत्रालय ने अपनी नाराजगी दर्ज कराई। बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक, मंत्रालय ने भारतीय अधिकारी से कहा है कि नई दिल्ली को इस बात से अवगत कराया जाए कि बांग्लादेश ने पहले ही अनुरोध किया था कि हसीना को मीडिया तक पहुंच से रोका जाए। हाल ही में एएफपी, रॉयटर्स और द इंडिपेंडेंट (यूके) ने हसीना का इंटरव्यू प्रकाशित किया था।
तख्तापलट के बाद हसीना को देश छोड़ना पड़ा था
बता दें कि अगस्त 2024 में बांग्लादेश में हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद उन्हें देश छोड़ना पड़ा था और वे तब से भारत में रह रही हैं। इस दौरान बांग्लादेश में व्यापक हिंसा हुई थी। हसीना पर नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों के कई मामले दर्ज हैं। इसी बीच, इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT-1) ने शेख हसीना और दो अन्य आरोपियों के खिलाफ फैसले की तारीख 17 नवंबर तय की है। न्यायमूर्ति गुलाम मुर्तुजा मजूमदार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पीठ यह फैसला सुनाएगी। बांग्लादेश सरकार का कहना है कि हसीना के इंटरव्यू से देश की स्थिरता प्रभावित हो सकती है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भ्रम की स्थिति बन सकती है।
बांग्लादेश सरकार का पक्ष- बवाल मचा सकता है इंटरव्यू
बांग्लादेश की सरकार का कहना है कि शेख हसीना के हालिया इंटरव्यू से देश में बवाल मच सकता है। शेख हसीना और दो अन्य के खिलाफ पिछले साल जुलाई-अगस्त में हुए विद्रोह के दौरान मानवता के खिलाफ कथित अपराधों के मामले में इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने सजा सुनाने की तारीख पर फैसला सुनाया है। आईसीटी-1 ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ सजा सुनाने की तारीख 17 नवंबर तय की है। जस्टिस मोहम्मद गुलाम मुर्तुजा मजूमदार, जस्टिस मोहम्मद शफीउल आलम महमूद, और जस्टिस मोहम्मद मोहितुल हक इनाम चौधरी की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय बेंच ने यह तारीख तय की।
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