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बीजिंग, वाईबीएन डेस्क। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने प्रसिद्ध तियानमेन चौक पर देश की अब तक की सबसे बड़ी सैन्य परेड की सलामी ली। साथ ही दुनिया को चेतावनी दी कि उसे शांति या युद्ध के बीच चुनाव करना होगा। परेड की खास बात थी कि यूक्रेन युद्ध और किम की परमाणु महत्वाकांक्षाओं के कारण पश्चिम में बहिष्कृत व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के लीडर किम जोंग उन समारोह के मुख्य अतिथि थे। द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में जापान की हार के 80 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित इस भव्य समारोह से पश्चिमी नेताओं ने दूरी बनाए रखी है।
#WATCH बीजिंग में चीन की विजय दिवस परेड चल रही है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उत्तर कोरिया के किम जोंग उन और विश्व के अन्य नेताओं ने समारोह में शिरकत की।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 3, 2025
(वीडियो सोर्स: CCTV वाया रॉयटर्स) pic.twitter.com/NJGcQOFKpw
चीन ने दिखाई अपनी सैन्य ताकत
चीन की सैन्य शक्ति और कूटनीतिक प्रभाव को दर्शाने के लिए यह परेड ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार शुल्क और अस्थिर नीति-निर्माण ने सहयोगियों और प्रतिद्वंद्वियों, दोनों के साथ उसके संबंधों को तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस मौके पर चीन के राष्ट्रपति ने 50,000 से ज़्यादा दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा, चीन के लोग "इतिहास के सही पक्ष पर दृढ़ता से खड़े हैं।
"आज, मानव जाति के सामने शांति या युद्ध, संवाद या टकराव, जीत या हार के बीच चुनाव का विकल्प है,।" शी ने एक खुली छत वाली लिमोज़ीन में सवार होकर, शी ने चौक के किनारे सड़क पर खड़े सैनिकों और मिसाइलों, टैंकों और ड्रोन जैसे अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों का निरीक्षण किया। 70 मिनट तक चले इस प्रदर्शन के दौरान, प्रतीकात्मकता और प्रचार से भरपूर, बड़े-बड़े बैनर लिए हेलीकॉप्टर ऊपर से उड़ान भरते रहे।
किम और पुतिन के साथ बैठक कर दुनिया को संदेश
इससे पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पहली बार अपने रूसी और उत्तर कोरियाई समकक्षों के साथ बैठक की। यह उन देशों के साथ एकजुटता का प्रदर्शन था जिन्हें 80 वर्षों में यूरोप के सबसे भीषण युद्ध में उनकी भूमिका के कारण पश्चिम ने दरकिनार कर दिया था। शी ने ग्रेट हॉल ऑफ़ द पीपल और फिर अपने निजी आवास पर व्लादिमीर पुतिन की मेज़बानी की और उन्हें अपना "पुराना दोस्त" बताया।
बुलेट ट्रेन से पहुंचे थे किम चीन
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन छह साल बाद मंगलवार को अपनी बुलेट ट्रेन से चीन पहुंचे, उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया कि वे बीजिंग पहुंचे और वहां द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के आत्मसमर्पण की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित सैन्य परेड में हिस्सा लिया। किम जोंग उन सैन्य परेड में शामिल होने के लिए अपनी बुलेट ट्रेन से 20 घंटे की यात्रा कर बीजिंग पहुंचे हैं। इस समारोह में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल होंगे। प्योंगयांग से बीजिंग तक का किम जोंग उन का सफ़र कई मायनों में बेहद दिलचस्प है।
क्या है इस ट्रेन की खासियत
किम जोंग उन की इस बुलेटप्रूफ हरी ट्रेन की खासियत ये है कि इसमें 20 से अधिक डिब्बे हैं और काफी धीमी चलती है। आप जानकर हैरान होंगे कि इस ट्रेन की स्पीड मात्र 45 किलोमीटर प्रति घंटे की है, वहीं जब यह ट्रेन चीन पहुंचेगी तो उसकी रफ्तार बढ़कर 80 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाएगी। इसी रफ्तार की वजह से उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से बीजिंग तक पहुंचने में किम जोंग उन को 20 घंटे का वक्त लगा है। : China Victory Day Parade 2025 | India China Russia Relations | china | china news