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Vipin Joshi: इजरायल में पढ़ाई करने पहुंचा हिंदू छात्र बना गुमनाम हीरो, जानें दर्दनाक दास्तां

नेपाल के रहने वाले हिंदू छात्र बिपिन जोशी को हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल में किडनैप किया। बिपिन की बहादुरी और बलिदान की कहानी अब सामने आई है।

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Dhiraj Dhillon
Vipin Joshi

Photograph: (X.com)

इजरायल, वाईबीएन डेस्क।  Israel Hamas War: 13 अक्टूबर 2023 को हमास के मिलिट्री विंग अल-कस्साम ब्रिगेड्स ने जिन चार मृत बंधकों के नाम जारी किए हैं, उनमें नेपाल के हिंदू छात्र बिपिन जोशी का नाम भी शामिल था। बिपिन जोशी, जो एक 22 वर्षीय कृषि छात्र थे और पढ़ाई और काम के लिए नेपाल से इजरायल आए थे। वह इजरायल के किबुत्ज अलुमिम नामक इलाके में एक फार्म पर काम कर रहे थे, यह फार्म गाजा सीमा के पास स्थित है।

7 अक्टूबर को किया गया था किडनेप

7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के दौरान बिपिन जोशी को किडनैप कर लिया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जब हमला हुआ, तब बिपिन एक बम शेल्टर में थे और उन्होंने एक ग्रेनेड को बाहर फेंककर दूसरे कई लोगों की जान बचाई। इस बहादुरी के दौरान वह घायल हो गए और हमास ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया। हमास की कैद के दौरान बिपिन जोशी की हालत बिगड़ती चली गई। बता दें कि नवंबर 2023 में उनके परिवार ने एक वीडियो जारी किया जिसमें बिपिन भावनात्मक रूप से टूटे हुए नजर आए थे, लेकिन फिर भी मजबूत बने रहने की कोशिश कर रहे थे।

दूसरों की जान बचाने के ल‌िए कुर्बानी दी

हमास ने 13 अक्टूबर को बिपिन सहित चार मरे हुए बंधकों के नाम जारी किए और कहा कि उनके शव रेड क्रॉस को सौंपे जाएंगे। ‌हमास के मुताबिक विपिन के साथ अन्य तीन मृत बंधकों के नाम थे - गाय इलौज, योसी शराबी, और डैनियल पेरेत्ज। अब सवाल उठता है कि बिपिन जोशी न तो यहूदी थे और न ही इजरायली। वह एक आम हिंदू छात्र थे, जिन्हें पढ़ाई और मेहनत के लिए इजरायल भेजा गया था, लेकिन उनकी मौत की खबर को मुख्यधारा की मीडिया में उतनी जगह नहीं मिली, जितनी मिलनी चाहिए थी। विपिन की बहादुरी और बलिदान की कहानी एक गुमनाम हीरो की कहानी है, जो दूसरों की जान बचाने के लिए खुद की कुर्बानी दे गया।

Israel Hamas War
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