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कनाडा का Khalistani संगठनों की फंडिंग पर बड़ा कबूलनामा, पढ़ें चौंकाने वाली रिपोर्ट | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । कनाडा की अपनी ही सरकारी रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक, खालिस्तानी चरमपंथी समूहों को कनाडा से ही बड़ी मात्रा में फंडिंग मिल रही है। यह पैसा हिंसक गतिविधियों और आतंकवाद को बढ़ावा देने में इस्तेमाल हो रहा है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव और बढ़ने की आशंका है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कनाडा में हिंसक खालिस्तानी आंदोलन के बढ़ते प्रभाव के बीच एक सरकारी रिपोर्ट ने सनसनी मचा दी है। इस रिपोर्ट में खुद कनाडा सरकार ने यह स्वीकार किया है कि खालिस्तानी चरमपंथी समूहों को देश के भीतर से ही वित्तीय मदद मिल रही है। यह पैसा हिंसक और अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
इस खुलासे के बाद भारत और कनाडा के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव में एक नया मोड़ आ गया है। इस रिपोर्ट को '2025 Assessment of Money Laundering and Terrorist Financing Risk in Canada' नाम दिया गया है, जिसे कनाडा के वित्त विभाग ने जारी किया है।
Khalistani groups receive financial support from Canada for politically motivated violence: Report
— ANI Digital (@ani_digital) September 6, 2025
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खालिस्तानियों को सबसे ज्यादा फंडिंग कनाडा की
इस रिपोर्ट में खालिस्तानी हिंसक चरमपंथी समूहों को 'आतंकवादी संस्थाएं' बताया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि इन संगठनों को कनाडा से वित्तीय सहायता मिल रही है। रिपोर्ट के अनुसार, 'बब्बर खालसा इंटरनेशनल' और 'इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन' जैसे खालिस्तानी समूहों को कनाडा से सबसे ज्यादा पैसा मिला है। यह पैसा गुप्त रूप से इकट्ठा किया जाता है और फिर भारत विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
भारत विरोधी फंडिंग के मकसद क्या हैं?
रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि खालिस्तानी चरमपंथी भारत के पंजाब में एक अलग राज्य 'खालिस्तान' स्थापित करने के लिए हिंसक तरीकों का सहारा ले रहे हैं। इसके लिए वे कनाडा जैसे देशों में धन जुटाने का एक बड़ा नेटवर्क चलाते थे। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हाल के वर्षों में इस फंडिंग नेटवर्क में कमी आई है। फिर भी, इस बात की पुष्टि होना कि कनाडा की धरती से ही खालिस्तानी चरमपंथ को बढ़ावा मिल रहा है, काफी चिंताजनक है।
खालिस्तानी समूहों के साथ हमास और हिजबुल्लाह का जिक्र
यह रिपोर्ट केवल खालिस्तानी संगठनों तक ही सीमित नहीं है। इसमें हमास और हिजबुल्लाह जैसे कुख्यात आतंकवादी संगठनों का भी जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 'कनाडा में आपराधिक संहिता के तहत सूचीबद्ध कई आतंकवादी संगठन जैसे हमास, हिजबुल्लाह और खालिस्तानी हिंसक उग्रवादी समूह, बब्बर खालसा इंटरनेशनल और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन, कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों ने कनाडा से वित्तीय सहायता प्राप्त करते हुए पाए हैं।'
यह एक बड़ा खुलासा है जो दिखाता है कि कनाडा की जमीन का इस्तेमाल न सिर्फ खालिस्तानी चरमपंथियों बल्कि अन्य वैश्विक आतंकवादी समूहों द्वारा भी किया जा रहा है।
बब्बर खालसा इंटरनेशनल: कनाडा से सबसे ज्यादा फंडिंग पाने वाले खालिस्तानी समूहों में से एक।
इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन: इस समूह को भी कनाडा में वित्तीय मदद मिल रही है।
हमास और हिजबुल्लाह: रिपोर्ट में इन संगठनों को भी कनाडा से फंडिंग मिलने की बात कही गई है।
रिपोर्ट से खुलासे पर क्या होगा भारत सरकार रूख
भारत लंबे समय से कनाडा को खालिस्तानी चरमपंथ पर लगाम लगाने के लिए कहता रहा है। हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव बढ़ा है, जिसका मुख्य कारण कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की बढ़ती गतिविधियां हैं। भारत ने कई बार कनाडा को चेतावनी दी है कि वह अपनी धरती पर चरमपंथियों को पनाह न दे।
कनाडा की अपनी ही सरकारी रिपोर्ट में यह बात सामने आने के बाद, भारत सरकार इस मामले पर सख्त रुख अपना सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कनाडा की सरकार इस रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई करती है और क्या इससे भारत-कनाडा के संबंधों में सुधार होगा या तनाव और बढ़ेगा।
इस रिपोर्ट ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि खालिस्तानी आंदोलन सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि एक हिंसक और आतंकवादी विचारधारा है जिसे विदेशों से मदद मिल रही है।
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