ओटावा/नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों ने पीएम मोदी को जान से मारने की धमकी दी है। उन्होंंने कहा है कि पीएम मोदी भारत आएं, वैसे ही उनकी राजनीति खत्म कर देंगे जैसे इंदिरा गांधी की कर दी थी। उन्होंने तिरंगे का भी अपमान किया है। कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों ने एक बार फिर भारत-कनाडा संबंधों में तनाव को गहरा कर दिया है।बता दें कि हाल में ही कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने पीएम मोदी को 15 से 17 जून तक आयोजित हो रहे G7 शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया है।
खालिस्तानी रैली में 'Kill Modi' के नारे और तिरंगे का अपमान
वैंकूवर और अन्य कनाडाई शहरों में खालिस्तानी समर्थकों ने उग्र रैलियाँ कीं, जिनमें 'किल मोदी' जैसे नारे लगाए गए। खोजी पत्रकार मोचा बेजिरगन के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने उन्हें घेर लिया और धमकाया, जब वह रैली का वीडियो बना रहे थे। उन्होंने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने इंदिरा गांधी की हत्या का हवाला देकर कहा कि वे पीएम मोदी की "राजनीति को भी खत्म करेंगे।" इस दौरान खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय तिरंगे को तलवार से फाड़ा और जलाया, इससे पहले 19 अक्टूबर, 2024 को भी ऐसी घटना हुई थी।
SFJ और गुरपतवंत सिंह पन्नू की भूमिका
प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो जारी कर पीएम मोदी को G7 सम्मेलन में आमंत्रित करने के लिए कनाडाई पीएम कार्नी को "धन्यवाद" कहा। उन्होंने इस मौके को "खालिस्तानी विरोध का ऐतिहासिक अवसर" बताया। पन्नू ने 48 घंटे के विरोध प्रदर्शन की घोषणा की, जो मोदी की कनाडा यात्रा के दौरान 'लैंडिंग से टेकऑफ' तक चलेगा।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया और राजनयिक चिंता
भारत सरकार ने पन्नू की धमकियों को गंभीरता से लिया है। विदेश मंत्रालय ने कनाडा में भारतीय राजनयिकों को मिल रही धमकियों और उत्पीड़न की कड़ी निंदा की है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी हिंदू मंदिरों पर हमलों और भारतीय समुदाय को निशाना बनाए जाने पर चिंता जताई। भारत ने बार-बार कनाडा से खालिस्तानी चरमपंथियों पर कार्रवाई की मांग की है।
कनाडा की प्रतिक्रिया और भारत का दोहराया रुख
कनाडा सरकार की ओर से अब तक इन घटनाओं पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। भारत ने कनाडा को चेतावनी दी है कि 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' के नाम पर कट्टरपंथ को संरक्षण देना अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बनता जा रहा है।
2023 में भी भारत ने PM ट्रूडो के उस बयान को खारिज किया था, जिसमें खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता का आरोप लगाया गया था।
भारत-कनाडा संबंधों पर असर
जी7 सम्मेलन के लिए पीएम मोदी को आमंत्रित करना भारत-कनाडा के रिश्तों को सुधारने की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा था। लेकिन खालिस्तानी प्रदर्शनों, तिरंगे के अपमान और हत्या की धमकियों ने इन प्रयासों को गंभीर झटका दिया है। भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अपने नागरिकों और राजनयिकों की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा, और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाएगा।