गाजा, वाईबीएन न्यूज।
गाजा पर इसरायल के हवाई हमलों ने एक बार फिर इस क्षेत्र में तनाव को बढ़ा दिया है। इसरायल की ओर से मंगलवार रात भर फलस्तीनी क्षेत्र में सैन्य अभियान फिर से शुरू करने के बाद यह कार्रवाई हुई, जिसने जनवरी 2025 में लागू हुए संघर्षविराम को चकनाचूर कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन ताजा हमलों में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई, हालांकि गाजा में चल रहे संघर्ष के बीच सटीक आंकड़े जुटाना चुनौतीपूर्ण है। इसरायल की सेना ने दावा किया कि उसने हमास के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जहां से यह फलस्तीनी समूह इसरायल पर गोलीबारी करने की तैयारी कर रहा था। दूसरी ओर, हमास ने इन हमलों को "निहत्थे नागरिकों के खिलाफ नरसंहार" करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की है।
18 मार्च को दोबारा शुरू किए हवाई हमले
यह संघर्ष तब शुरू हुआ जब इसरायल ने 18 मार्च 2025 को गाजा पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले शुरू किए, जिसमें सैकड़ों लोगों के मारे जाने की खबरें सामने आईं। इसरायल प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे "केवल शुरुआत" बताया और कहा कि उनका लक्ष्य हमास को पूरी तरह खत्म करना और बंधकों को मुक्त कराना है। इजरायल का कहना है कि हमास ने 59 बंधकों को रिहा करने से इनकार कर दिया, जो अक्टूबर 2023 के हमले में अगवा किए गए थे। इसके जवाब में हमास ने आरोप लगाया कि इजरायल ने संघर्षविराम समझौते का उल्लंघन किया और जानबूझकर शांति वार्ता को पटरी से उतारा।
सीज फायर का उल्लंघन
संघर्षविराम, जो 19 जनवरी 2025 को अमेरिका, कतर और मिस्र की मध्यस्थता से लागू हुआ था, तीन चरणों में शांति स्थापित करने का वादा करता था। पहले चरण में 33 इसरायल बंधकों की रिहाई और 1,900 फलस्तीनी कैदियों की रिहा करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। लेकिन दूसरा चरण शुरू होने से पहले ही बातचीत ठप हो गई। इसरायल ने गाजा में सहायता आपूर्ति पर रोक लगा दी, जिससे मानवीय संकट और गहरा गया। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी कि इस नाकेबंदी और हमलों से गाजा की 23 लाख आबादी पर भयावह प्रभाव पड़ रहा है।
हवाई हमले, शांति के प्रयासों पर हमला
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस नए संघर्ष पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका ने इसरायल के कदम का समर्थन करते हुए कहा कि हमास ने संघर्षविराम को आगे बढ़ाने के लिए बंधकों को छोड़ने से इनकार किया। वहीं, कतर और मिस्र जैसे मध्यस्थ देशों ने इसे "शांति के प्रयासों पर हमला" बताया। यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र ने तत्काल संघर्षविराम बहाल करने की मांग की है। गाजा में प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलों से नागरिक इलाकों में भारी तबाही हुई है, और अस्पताल घायलों से भर गए हैं।
नेतन्याहू पर घरेलू राजनीति का दबाव
यह ताजा हिंसा नेतन्याहू की घरेलू राजनीति से भी जुड़ी प्रतीत होती है। उनकी गठबंधन सरकार में दक्षिणपंथी दलों का दबाव बढ़ रहा है, जो गाजा में स्थायी शांति के खिलाफ हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह सैन्य कार्रवाई आंशिक रूप से उनकी सरकार को मजबूत करने की कोशिश भी हो सकती है। फिलहाल, गाजा में स्थिति अनिश्चित बनी हुई है, और दोनों पक्ष एक-दूसरे पर हिंसा का ठीकरा फोड़ रहे हैं। आम नागरिकों के लिए यह एक और दुखद अध्याय है, जहां शांति की उम्मीद फिर से धूमिल हो गई है।
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