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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ वार के बीच ब्रिक्स देश वाशिंगटन डीसी पर सबसे ज्यादा चोट पहुंचा रहे हैं। वो अमेरिकी धमकी से निपटने के लिए वहां आयात कम करके अपने बाजारों में विविधता लाकर ऐसा कर रहे हैं। फिलहाल चीन ने अमेरिका पर ब्राजील को तरजीह देकर उसकी कमर के नीचे पहला वार किया है।
चीन ब्राजील से खरीदने लगा सोयाबीन
एक रिपोर्ट के अनुसार रूस और चीन ने भारत की तरफ कदम बढ़ाने के बाद एक और ब्रिक्स देश ब्राजील पर अपनी नजरे इनायत की हैं। ब्राजील भी ट्रम्प का मारा हुआ है। उस पर भी भारत के समान 50% तक के टैरिफ लगा है। चीन ने एक अहम फैसला लेकर सोयाबीन की खेप ब्राजील से लेनी शुरू कर दी है। चीन का ये फैसला अमेरिका के लिए भारी नुकसान है। इससे उसके किसान हलकान होने लग जाएंगे।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार दुनिया का सबसे बड़ा सोयाबीन आयातक चीन अमेरिका से दूर होता जा रहा है। चीन के तेवर इतने ज्यादा तीखे हैं कि वो सितंबर और अक्टूबर के लिए अमेरिकी किसानों से एक भी टन तिलहन नहीं खरीद रहा है। जानकार कहते हैं कि हाल के महीनों में वाशिंगटन से ब्रासीलिया में सोयाबीन की खरीद का धीरे-धीरे स्थानांतरण हो रहा है। वो भी ऊंची दरों पर। चीन के एक भी टन सोयाबीन नहीं खरीदने के फैसले ने अमेरिकी किसानों को मुश्किल में डाल दिया है। जबकि तिलहन की कटाई का मौसम एक महीने में शुरू होने वाला है।
अमेरिकी किसानों ने दी ट्रम्प को चेतावनी
चीनी सीमा शुल्क एजेंसी के आंकड़ों के अनुसार चीन ने जुलाई में अमेरिका से 420,873 टन सोयाबीन का आयात किया था। यह एक साल पहले की तुलना में 11.47% कम है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी सोयाबीन किसानों ने ट्रम्प को चेतावनी देते हुए कहा है कि वो अपने सबसे बड़े ग्राहक के साथ लंबे समय तक तकरार नहीं कर सकते।
पिछले महीने ही चीन का सोयाबीन आयात साल-दर-साल लगभग 19% बढ़ा, जिसमें ब्राजील ने लगभग 90% और अमेरिका ने केवल 4% की आपूर्ति की। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन का ब्राजीलियाई सोयाबीन की ओर झुकाव अमेरिकी किसानों को अरबों डॉलर का नुकसान पहुंचाने वाला है, क्योंकि बीजिंग ने 2023-24 में अमेरिका के आधे से ज्यादा सोयाबीन निर्यात की खरीदारी की थी।
ब्राजीली राष्ट्राध्यक्ष को जिनपिंग ने किया था आश्वस्त
यह डेवलपमेंट चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अपने ब्राजीलियाई समकक्ष लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ एक घंटे की बातचीत के बाद आया है। जिनपिंग ने मीटिंग के बाद कहा था कि वो ब्राजील के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा में उसका समर्थन करता है। इस टिप्पणी को डोनाल्ड ट्रम्प पर एक अप्रत्यक्ष कटाक्ष के रूप में देखा गया। ट्रम्प ने ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो पर चल रहे मुकदमे का हवाला देकर लैटिन अमेरिकी देश पर मनमाना टैरिफ लगाया था।
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