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China-US tariff war और तेज, अब ड्रैगन ने तरेरी आंख, यूएस पर ठोका 125% टैरिफ

चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका ने चीनी सामानों पर 145% टैरिफ लगाया, जिसके जवाब में चीन ने 125% टैरिफ बढ़ाया है। जानिए अब आगे क्या होगा...

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Ajit Kumar Pandey
US CHINA TARRIF WAR

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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।

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tarrif | US | america tariff | china : चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। अमेरिका द्वारा चीनी सामानों पर 145% टैरिफ लगाने के जवाब में चीन ने भी 125% का शुल्क बढ़ा दिया है, जो आज से लागू हो गया है। चीन ने साफ किया है कि वह अमेरिका के किसी भी नए टैरिफ का जवाब नहीं देगा, बल्कि अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर ध्यान देगा।

चीन ने अमेरिका को किया आरोपों का जवाब

| china news today : चीनी सरकार ने कहा कि अमेरिका का यह कदम अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का उल्लंघन है और यह एकतरफा दबाव बनाने की नीति है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा – "अमेरिका चाहे जितने भी टैरिफ बढ़ा ले, इससे उसकी अर्थव्यवस्था को कोई फायदा नहीं होगा। आने वाले समय में वह इतिहास में हंसी का पात्र बनेगा।"

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शी जिनपिंग का ऐलान – "चीन किसी से नहीं डरता"

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस मुद्दे पर पहली बार बयान देते हुए कहा – "चीन पिछले 70 सालों में मेहनत और आत्मनिर्भरता से आगे बढ़ा है। हम कभी किसी के दबाव में नहीं झुकेंगे।" उन्होंने यह बात स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज के साथ मुलाकात के दौरान कही।

सांचेज ट्रम्प के टैरिफ बढ़ाने के बाद चीन आने वाले पहले यूरोपीय नेता हैं। उन्होंने भी अमेरिकी नीति की आलोचना करते हुए कहा था कि यूरोप को अब नए बाजारों की तलाश करनी होगी।

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अमेरिका ने किया क्लैरिफाई – "टैरिफ 145% है, 125% नहीं"

अमेरिकी प्रशासन ने स्पष्ट किया कि चीन पर कुल 145% टैरिफ लगाया गया है, जिसमें 125% नया शुल्क और 20% फेंटेनाइल ड्रग टैरिफ शामिल है। इसके अलावा 1% का अतिरिक्त समायोजन भी जोड़ा गया है। इसका मतलब है कि चीन से आयातित 100 डॉलर का सामान अब अमेरिका में 256 डॉलर में बिकेगा, जिससे उसकी मांग घटने की आशंका है।

फेंटेनाइल ड्रग को लेकर अमेरिका की चिंता

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अमेरिका का आरोप है कि चीन से फेंटेनाइल नामक खतरनाक ड्रग मेक्सिको के रास्ते अमेरिका पहुंच रहा है, जिससे हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। ट्रम्प ने इसे "चीन की साजिश" तक बताया है, हालांकि चीन ने 2019 में ही इस पर प्रतिबंध लगा दिया था।

शेयर बाजार और अर्थव्यवस्था पर असर

इस टैरिफ युद्ध का असर वैश्विक बाजारों पर दिख रहा है। अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट आई है, तेल की कीमतें घटी हैं और बॉन्ड बाजार में उथल-पुथल मची हुई है। कई अमेरिकी कंपनियों ने चिंता जताई है कि इससे महंगाई और मंदी का खतरा बढ़ सकता है।

चीन की तैयारी – आत्मनिर्भरता पर जोर

चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए 1.9 लाख करोड़ डॉलर का औद्योगिक पैकेज दिया है। हुआवेई जैसी कंपनियां नए रिसर्च सेंटर खोल रही हैं ताकि टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना जा सके।

चीन का संदेश – "हम पीछे नहीं हटेंगे"

चीनी विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि वह अमेरिकी दबाव के आगे नहीं झुकेगा। उन्होंने पूर्व नेता माओ जेदोंग का एक पुराना वीडियो शेयर किया, जिसमें वे कह रहे थे – "हम चीनी कभी नहीं झुकते, हम तब तक लड़ेंगे जब तक जीत नहीं मिलती।"

इस तरह, चीन और अमेरिका के बीच यह व्यापार युद्ध अब एक नए मोड़ पर पहुंच गया है, जिसका असर पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।

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