नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
India-USTariff War: भारत-अमेरिका के बीच टैरिफ का मुद्दा हर रोज उलझता ही जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को दावा किया था कि भारत टैरिफ में कटौती करने के लिए सहमत हो गया है। सूत्रों के मुताबिक अभी भी भारत-अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर चर्चा जारी है और इसे लेकर अभी डिटेल में कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
भारत-अमेरिका की बात अभी जारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच यह सहमति बनी थी कि इस साल के अंत तक BTA (द्विपक्षीय व्यापार समझौता) को अंतिम रूप दिया जाएगा, जिसे लेकर अभी भी चर्चा जारी है और कोई भी बात फाइनल नहीं हुई है। दोनों देशों के अपने-अपने हित हैं। भारत अपने हितों को ख्याल में रखकर द्विपक्षीय व्यापार समझौते को आगे बढ़ाएगा। इसको लेकर चर्चा जारी है।
टैरिफ के फाइनल प्ररूप पर कोई बात नहीं हुई
इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में अमेरिका का दौरा भी किया, जहां टैरिफ को लेकर बातचीत हुई है। हालांकि टैरिफ पर फाइनल प्रारूप क्या होगा इस पर अभी कुछ फाइनल नहीं हुआ है। भारत ने हाल ही में द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया, यूएई, स्विट्जरलैंड, नॉर्वे और अन्य देशों के टैरिफ कम किए हैं। इसी तरह की बातचीत यूके, यूरोपीय संघ के साथ भी चल रही है। अमेरिका के साथ बातचीत को भी इसी संदर्भ में देखा जा रहा है।
पूरी दुनिया ने अमेरिका को ठगा है- ट्रंप
ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका से ज्यादा टैक्स वसूलने वाले सभी देशों पर 2 अप्रैल 2025 से रेसिप्रोकल टैरिफ लागू हो जाएंगे। ट्रंप का कहना है कि टैरिफ से अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार बढ़ेगा। ट्रंप ने कहा, “आर्थिक, वित्तीय और व्यापारिक दृष्टिकोण से हमारे देश को दुनिया के लगभग हर देश ने पूरी तरह से ठगा है. कनाडा, मेक्सिको और फिर आप सीधे लाइन में चले जाइए. भारत हम पर बहुत ज्यादा शुल्क लगाता है। आप भारत में कुछ भी नहीं बेच सकते। यह लगभग प्रतिबंधात्मक है." ट्रंप ने कहा, “वैसे, वे इस बात पर सहमत हो गए हैं कि अब वे अपने शुल्क में कटौती करना चाहते हैं, क्योंकि अब कोई तो उनके किए की पोल खोल रहा है।”
ट्रंप-जेलेंस्की में तीखी बहस बताया दुर्भाग्यपूर्ण
अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके यूक्रेनी समकक्ष वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच ‘ओवल ऑफिस’ (अमेरिका के राष्ट्रपति का कार्यालय में हुई तीखी बहस को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। पोम्पिओ ने एक संवाद सत्र के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘यह तथ्य कि यह सबके सामने हुआ, यह यूक्रेन, यूरोप और स्पष्ट रूप से अमेरिका एवं दुनिया के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है...मुझे लगता है कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।’