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Donald Trump ने मांगा बगराम एयरबेस तो अफगानिस्तान ने ललकारा: कहा- '20 साल तक लड़ने को तैयार, पर देंगे नहीं' | यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अफगानिस्तान को बगराम एयरबेस वापस सौंपने की धमकी देने के बाद अफगानिस्तान ने कड़ा रुख अपनाया है। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर अमेरिका ने एयरबेस पर फिर से कब्ज़ा करने की कोशिश की तो वे अगले 20 साल तक लड़ने को तैयार हैं।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने कहा, 'हमारा जवाब है, अगर आप नहीं जाते और हवाई अड्डे चाहते हैं तो हम आपसे अगले 20 साल तक लड़ने के लिए तैयार हैं।' यह बयान ट्रंप के उस सोशल मीडिया पोस्ट के बाद आया है, जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान को धमकी देते हुए लिखा था, "अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस को उसके निर्माणकर्ताओं यानी संयुक्त राज्य अमेरिका को वापस नहीं करता है तो बुरी घटनाएं घटेंगी।"
अफ़गानिस्तान के अधिकारियों ने इसे अफगानिस्तान की संप्रभुता पर सीधा हमला मानते हुए अमेरिका की इस मांग को पूरी तरह से ख़ारिज कर दिया है। जनरल डायरेक्टरेट ऑफ इंटेलिजेंस के पहले डिप्टी, मुल्ला ताजमीर जवाद ने भी इस मांग को अस्वीकार करते हुए कहा कि अफगान सरकार मौजूदा व्यवस्था को बनाए रखेगी और विदेशी सैन्य उपस्थिति को फिर से स्थापित करने के किसी भी प्रयास का डटकर विरोध करेगी।
यह विवाद तब सामने आया है जब ट्रंप ने अमेरिकी पत्रकारों से बातचीत के दौरान भी बगराम एयरबेस को वापस लेने की बात कही थी और बाइडेन प्रशासन की अफगानिस्तान से वापसी की नीति की आलोचना की थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से अफगानिस्तान को बगराम एयरबेस वापस सौंपने की धमकी के बाद अफगानिस्तान ने कड़ा रुख अपना लिया है।
अफ़गान सरकार ने अमेरिकी धमकियों को सिरे से खारिज कर दिया है। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि अगर अमेरिका ने एयरबेस पर दोबारा कब्ज़ा करने की कोशिश की तो अफगान सेना अगले 20 साल तक उनसे लड़ने के लिए तैयार है।
यह बयान डोनाल्ड ट्रंप के उस सोशल मीडिया पोस्ट के बाद आया है, जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान को बगराम एयरबेस वापस करने की चेतावनी दी थी और ऐसा न करने पर "बुरी घटनाओं" की धमकी दी थी।
अफ़गान सरकार की एकजुटता
अफगानिस्तान सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाते हुए अमेरिका की मांग को पूरी तरह से ख़ारिज कर दिया है। जनरल डायरेक्टरेट ऑफ इंटेलिजेंस के पहले डिप्टी, मुल्ला ताजमीर जवाद ने अमेरिकी मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अफगान सरकार अपनी मौजूदा व्यवस्था को बनाए रखेगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि विदेशी सैन्य उपस्थिति को फिर से स्थापित करने के किसी भी प्रयास का डटकर विरोध किया जाएगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बगराम एयरबेस को किसी भी कीमत पर अमेरिका को वापस नहीं दिया जाएगा।
क्यों महत्वपूर्ण है बगराम एयरबेस?
काबुल से लगभग 50 किलोमीटर उत्तर में स्थित बगराम एयरबेस, अफगानिस्तान में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा था। 20 साल तक चले अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य अभियान के दौरान यह अमेरिकी सेना के लिए एक प्रमुख परिचालन केंद्र रहा।
11 सितंबर, 2001 के हमलों के बाद से अमेरिकी सैनिकों ने इस एयरबेस का उपयोग किया था। अगस्त 2021 में अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान ने इस पर कब्ज़ा कर लिया था। यह एयरबेस न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अफगानिस्तान की संप्रभुता का भी प्रतीक बन गया है। अमेरिका की वापसी के बाद इस एयरबेस पर तालिबान का नियंत्रण, उनकी जीत का एक बड़ा प्रतीक था।
ट्रंप का लगातार दबाव
डोनाल्ड ट्रंप ने पहले अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की वापसी का समर्थन किया था, लेकिन अब वे अपने रुख से पलटते नज़र आ रहे हैं। उन्होंने अगस्त 2021 में जो बाइडेन द्वारा अमेरिकी सेना की वापसी की नीति की भी आलोचना की थी।
ट्रंप ने कई बार सार्वजनिक रूप से कहा है कि अमेरिका को बगराम एयरबेस पर नियंत्रण बनाए रखना चाहिए था। हाल ही में उन्होंने लंदन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान भी बगराम एयरबेस को वापस लेने की इच्छा ज़ाहिर की थी। ट्रंप का यह लगातार दबाव बताता है कि वे इस रणनीतिक सैन्य अड्डे को फिर से अमेरिकी नियंत्रण में लाना चाहते हैं।
अफगानिस्तान का कड़ा रूख
ट्रंप के बयानों और अफगानिस्तान के कड़े जवाब ने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में एक नया तनाव पैदा कर दिया है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के राजनीतिक निदेशक जाकिर जलाली ने इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि अफगानियों ने 'अपने क्षेत्र में विदेशी सैनिकों को कभी स्वीकार नहीं किया है।' उन्होंने यह भी कहा कि वाशिंगटन के साथ किसी भी बातचीत में बगराम एयरबेस को शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
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