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क्या 7 अक्टूबर हमले का Hamas को है 'पश्चावा' ? Palestinian group के अधिकारी का कुबूलनामा

Hamas के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अगर उन्हें पता होता कि 7 अक्टूबर के हमलों के कारण गाजा में इतना विनाश होने वाला है, तो वह कभी भी इसके लिए सहमत नहीं होते। कतर स्थित हमास के विदेश संबंध कार्यालय के प्रमुख मूसा अबू मरजौक ने यह दावा किया। 

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Mukesh Pandit
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यरुशलम, आईएएनएस। 

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हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अगर उन्हें पता होता कि 7 अक्टूबर के हमलों के कारण गाजा में इतना विनाश होने वाला है, तो वह कभी भी इसके लिए सहमत नहीं होते। कतर स्थित हमास के विदेश संबंध कार्यालय के प्रमुख मूसा अबू मरजौक ने यह दावा किया। यरुशलम पोस्ट के मुताबिक मरजौक ने न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा, " जहां तक मेरा सवाल है... जो हुआ अगर उसके होने की उम्मीद होती, तो 7 अक्टूबर नहीं होता।"हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि मरजौक के विचार कितने और हमास लीडर साझा करते हैं।

हमला करके 251 को बना लिया था बंधक

उल्लेखनीय है कि हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इसरायल पर हमला करके 251 बंधकों को पकड़ लिया और लगभग 1,200 लोगों को मार डाला था जिसके बाद युद्ध शुरू हो गया। इसरायल के हमले में हजारों फिलिस्तीनी मारे गए। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इजरायल के हमलों से गाजा की लगभग दो-तिहाई इमारतें क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गई। मरजौक का दावा है कि उन्हें 7 अक्टूबर हमले की विशिष्ट योजनाओं के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी।
ने यह भी कहा कि इजरायल के खिलाफ युद्ध में हमास का बच जाना अपने आप में एक तरह की जीत है। हालांकि यह भी स्वीकार नहीं किया जा सकता कि हमास जीत गया है, विशेष रूप से यह देखते हुए कि इज़रायल ने गाजा पर कितना बड़ा हमला किया ।

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रिपोर्ट को हमास ने नकारा

रिपोर्ट के मुताबिक हमास ने बाद में अपने टेलीग्राम चैनल पर मरजौक के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि न्यूयॉर्क टाइम्स ने उनके शब्दों को 'संदर्भ से हटकर' लिया। आतंकवादी संगठन ने कहा कि इंटरव्यू कई दिन पहले आयोजित किया गया था और प्रकाशित बयान 'उनके जवाबों की पूरी सामग्री को नहीं दर्शाते हैं।

'हमास ने कहा, "डॉ. अबू मरज़ौक ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि 7 अक्टूबर का,ऑपरेशन हमारे लोगों के प्रतिरोध करने के अधिकार और घेराबंदी, कब्ज़े और बस्तियों को अस्वीकार करने की अभिव्यक्ति थी।"फलस्तीनी संगठन ने आगे कहा, "डॉ. अबू मरज़ौक ने हमारे लोगों के प्रतिरोध के अधिकार को उसके सभी रूपों में बनाए रखने के आंदोलन के दृढ़ रुख को दोहराया, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण, सशस्त्र प्रतिरोध शामिल है, जब तक कि मुक्ति और वापसी हासिल नहीं हो जाती।"

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