नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर ईरान पर सख्त रुख अपनाते हुए चेतावनी दी है कि अगर तेहरान ने यूरेनियम संवर्धन की अपनी गतिविधियां नहीं रोकीं, तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। आज शनिवार 7 जून 2025 को डोनाल्ड ट्रंप ने यह बयान उस समय दिया है जब ईरान का परमाणु कार्यक्रम फिर से अंतरराष्ट्रीय बहस का केंद्र बना है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक बार फिर अपनी आक्रामक विदेश नीति को दर्शाते हुए ईरान को सख्त चेतावनी दी है। ट्रंप ने स्पष्ट कहा है कि यदि ईरान ने अपने यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम को जारी रखा तो उसे इसके "भारी अंजाम" भुगतने पड़ सकते हैं।
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की हालिया रिपोर्ट में ईरान की संवर्धन गतिविधियों में तेजी की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, ईरान 60% से अधिक संवर्धित यूरेनियम का स्टॉक बना चुका है, जो शांतिपूर्ण ऊर्जा उपयोग की सीमा से कहीं अधिक है।
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2018 में अमेरिका को ईरान परमाणु समझौते (JCPOA) से बाहर कर दिया था, हमेशा से ईरान की नीतियों के मुखर आलोचक रहे हैं। अब जबकि वे 2024 के चुनावों की ओर देख रहे हैं, उन्होंने फिर से अपनी कड़ी विदेश नीति को प्रमुख मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है।
ट्रंप की चेतावनी: ये कोई बयान नहीं, रणनीति है
ट्रंप ने अपने एक साक्षात्कार में कहा, "ईरान को अगर लगता है कि वह गुपचुप तरीके से यूरेनियम संवर्धन कर सकता है, तो वह गलतफहमी में है। हमारी नज़र हर गतिविधि पर है।"
उन्होंने आगे जोड़ा, "यदि मैं फिर राष्ट्रपति बना, तो ईरान को ऐसी किसी हरकत का अंजाम भुगतना पड़ेगा जो उसने पहले कभी नहीं देखा होगा।"
इस बयान को अमेरिका की बदलती राजनीति और ट्रंप की संभावित वापसी के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। यह साफ़ है कि ट्रंप यूरेनियम संवर्धन को सिर्फ एक तकनीकी मामला नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और वैश्विक सुरक्षा का प्रश्न मानते हैं।
ईरान का जवाब: हम आत्मनिर्भर राष्ट्र हैं
ईरानी अधिकारियों ने ट्रंप के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका देश पूरी तरह आत्मनिर्भर है और किसी के दबाव में नहीं आएगा।
ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता ने कहा, "हमारी परमाणु नीति पूरी तरह से शांतिपूर्ण है। लेकिन अगर किसी ने हम पर हमला करने की सोची, तो जवाब मुंहतोड़ होगा।"
ट्रंप की इस टिप्पणी ने दुनिया भर की कूटनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय यूनियन ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और वार्ता की मेज़ पर लौटने की अपील की है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ट्रंप दोबारा सत्ता में आते हैं, तो अमेरिका-ईरान संबंधों में और तनाव आ सकता है, जिससे मध्य पूर्व में अस्थिरता बढ़ेगी।
ईरान का यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम कई वैश्विक शक्ति संतुलनों को प्रभावित कर सकता है। ट्रंप की चेतावनी से यह साफ है कि अमेरिका इस बार किसी भी परमाणु जोखिम को हल्के में नहीं लेगा।
इस मुद्दे पर अमेरिका, इज़राइल और सऊदी अरब की गहरी नजर है, क्योंकि इन देशों को लगता है कि अगर ईरान परमाणु बम बना लेता है तो पूरा क्षेत्र अस्थिर हो जाएगा।
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