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Donald Trump को नोबेल शांति पुरस्कार? नेतन्याहू के इस कदम से दुनियाभर में हलचल! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित कर दुनिया भर में हलचल मचा दी है। यह अप्रत्याशित कदम मध्य पूर्व में ट्रम्प के प्रयासों, विशेषकर अब्राहम एकॉर्ड्स में उनकी भूमिका को एक बड़ी पहचान देता है। क्या यह नामांकन ट्रम्प के विवादित कार्यकाल को एक नई दिशा देगा?
यह खबर 1 जुलाई, 2025 को जेरुसलम से भेजी गई एक चिट्ठी के जरिए सामने आई है। जिसमें नेतन्याहू ने नोबेल समिति से ट्रम्प के नाम पर विचार करने का आग्रह किया। नेतन्याहू ने अपनी चिट्ठी में साफ तौर पर कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने मध्य पूर्व में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए "असाधारण और दृढ़ संकल्प" दिखाया है। उन्होंने अब्राहम एकॉर्ड्स को "ऐतिहासिक सफलता" बताया, जिसने इजरायल और कई अरब देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित किए। इनमें संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मोरक्को शामिल हैं।
नेतन्याहू के अनुसार, इन समझौतों ने मध्य पूर्व के भू-राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया है। उन्होंने ट्रम्प के "दूरदर्शी और साहसिक नेतृत्व" की तारीफ की, जिसने संघर्ष और अतिवाद की बजाए सहयोग, संवाद और साझा समृद्धि को बढ़ावा दिया। यह एक ऐसा दावा है जो ट्रंप के आलोचकों को भी सोचने पर मजबूर करता है।
Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu nominated US President Donald Trump for Nobel Peace Prize.
— Press Trust of India (@PTI_News) July 8, 2025
(Source: Third Party) pic.twitter.com/VBrLLigLb2
अब्राहम एकॉर्ड्स का महत्व: इन समझौतों ने दशकों पुरानी इजरायल-अरब शत्रुता को तोड़ने में मदद की, जिससे क्षेत्र में स्थिरता और आर्थिक विकास की नई संभावनाएं पैदा हुईं।
कूटनीति का नया चेहरा: ट्रंप प्रशासन ने पारंपरिक कूटनीतिक रास्तों से हटकर काम किया, जिससे कई लोगों को आश्चर्य हुआ।
क्षेत्रीय सहयोग: अब्राहम एकॉर्ड्स ने इजरायल को अरब दुनिया के साथ सीधे संबंध स्थापित करने का अवसर दिया, जो पहले अकल्पनीय था।
नोबेल समिति के सामने चुनौती
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए किसी भी व्यक्ति का नामांकन हो सकता है, लेकिन अंतिम चयन एक जटिल प्रक्रिया है। समिति को ट्रम्प के पूरे कार्यकाल और उनके विवादित फैसलों को भी ध्यान में रखना होगा। नेतन्याहू की यह पहल निश्चित रूप से बहस का एक नया दौर शुरू करेगी। क्या नोबेल समिति इस नामांकन को गंभीरता से लेगी? यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब आने वाले समय में ही मिल पाएगा।
ट्रम्प का योगदान : एक नया दृष्टिकोण?
डोनाल्ड ट्रम्प, एक ध्रुवीकरण करने वाली शख्सियत, ने अपने कार्यकाल में कई विवादास्पद निर्णय लिए। लेकिन, अब्राहम एकॉर्ड्स को उनके समर्थकों द्वारा एक महत्वपूर्ण विदेश नीति उपलब्धि के रूप में देखा जाता है। नेतन्याहू के नामांकन ने इस उपलब्धि को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक नई पहचान दी है। यह दर्शाता है कि इजरायल, मध्य पूर्व में ट्रम्प के प्रयासों को कितना महत्व देता है।
शांति के अग्रदूत: नेतन्याहू ने ट्रम्प को उन नेताओं में से एक बताया है जिन्होंने शांति के लिए ठोस सफलताएं हासिल की हैं।
असाधारण नेतृत्व: यह नामांकन ट्रम्प के नेतृत्व की एक अलग तस्वीर पेश करता है, जो अक्सर उनके आलोचकों द्वारा नजरअंदाज कर दिया जाता है।
इस नामांकन के बाद अंतरराष्ट्रीय संबंधों और नोबेल शांति पुरस्कार की प्रतिष्ठा पर इसका क्या असर होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। क्या यह मध्य पूर्व में शांति प्रयासों के लिए एक नया मानदंड स्थापित करेगा? या क्या यह केवल एक राजनीतिक बयान बनकर रह जाएगा? यह अभी स्पष्ट नहीं है। हालांकि, एक बात तो तय है: डोनाल्ड ट्रम्प का नाम एक बार फिर दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
अब्राहम एकॉर्ड्स क्या हैं?
अब्राहम एकॉर्ड्स इजरायल और कई अरब देशों (जैसे संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, मोरक्को) के बीच हुए सामान्यीकरण समझौते हैं, जिन्हें अमेरिकी प्रशासन की मध्यस्थता से संपन्न किया गया था।
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन कौन कर सकता है?
राष्ट्रीय विधानसभाओं के सदस्य, सरकारों के प्रमुख, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालयों के सदस्य, विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और नोबेल समिति के सदस्य जैसे व्यक्ति नामांकन कर सकते हैं।
क्या डोनाल्ड ट्रम्प पहले भी नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित हुए हैं?
हां, उन्हें पहले भी कई बार नामांकित किया जा चुका है, विशेष रूप से उत्तर कोरिया के साथ शांति वार्ता और अब्राहम एकॉर्ड्स के लिए।
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