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World War - 3 की दहलीज पर खड़ी दुनिया? रूस की धमकी और चीन की चुप्पी के मायने | यंग भारत न्यूज
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः इजरायल और ईरान के बीच जिस तरह से और जिस अंदाज में लड़ाई छिड़ चुकी थी, उससे अंदेशा बनने लगा था कि सारी दुनिया कही इसकी चपेट में न आ जाए। लेकिन इस सारे विवाद पर एक शख्स की नजर शुरू से लगी हुई थी और वो था अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प। ट्रम्प ने ऐसी शातिर चालें चलीं कि फिलहाल लड़ाई थम चुकी है।
पहले नेतन्याहू से कहा था कि ईरान पर हमला न करें
इजरायल ने जब पहली दफा ईरान पर हमला किया और अमेरिकी राष्ट्रपति ने नेतन्याहू से कहा कि वो फिलहाल ऐसा न करे तो दुनिया हैरत में थी। ट्रम्प और नेतन्याहू की दोस्ती जगजाहिर है। दोनों के बीच याराना कितना गहरा था इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि जब जो बाइडन अमेरिकी राष्ट्रपति थे और इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिकी दौरे पर गए तो वो ट्रम्प से भी मिलने गए। बावजूद इसके कि ये बात बाइडन को अच्छी नहीं लगी। पर नेतन्याहू ने बाइडन के गुस्से पर ट्रम्प के साथ अपनी दोस्ती को तरजीह दी। ट्रम्प ने उनका आभार भी जताया। लेकिन जब वो लड़ाई से अमेरिका को दूर रखने की बात कह रहे थे तो सारे लोग हैरत में थे। सवाल था कि क्या ट्रम्प अपने खास दोस्त का साथ बीच भंवर में छोड़ देंगे।
कहा था कि दो हफ्ते में लड़ाई को लेकर फैसला लेंगे
लेकिन ट्रम्प के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था। पहले वो लड़ाई को दूर से देखते रहे। बयान जारी किया कि दो हफ्ते में फैसला लेंगे कि अमेरिका को इसमें उतरना है या नहीं। पर दो दिनों बाद ही Midnight Hammer शुरू करा दिया। उनका ये पैंतरा ईरान को भीतर तक तोड़ गया। ईरान की सेना पहले से ही इजरायल से दब रही थी। अमेरिका भी सामने आ खड़ा हुआ तो ईरान की कमर ही टूट गई। हालांकि खामनेई की सेना ने अपने हमले बंद नहीं किए पर उनकी मार बहुत सीमित थी। वो अमेरिका या इजरायल को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाए।
दो दिन बाद ही शुरू कर दिया आपरेशन Midnight Hammer
अमेरिका के लड़ाई में उतरने के बाद सभी मान रहे थे कि ट्रम्प या तो ईरान को तबाह कर देंगे या फिर खामनेई को जन्नतनशीं करने के बाद ही अपने कदम पीछे करेंगे। लेकिन ट्रम्प ने यहां भी दुनिया को हैरान कर दिया। कतर के अमेरिकी बेस पर ईरान के हमले के बावजूद उन्होंने खामनेई सरकार की तारीफ की। वो बोले- कतर को पहले से बताकर ईरान ने ठीक किया। लोग हैरान थे कि ट्रम्प कर क्या रहे हैं। एक तरफ वो ईरान पर हमला करा रहे हैं तो दूसरी तरफ उसके लिए मीठे बोल भी बोलने लगे हैं। ट्रम्प वाकई हैरान कर रहे हैं। सबसे बड़ा सरप्राइज तब सामने आया जब अमेरिका ने सीजफायर का ऐलान कर दिया।
ईरान को चोट पहुंचाने के बाद ट्रम्प ने ही कराया सीज फायर
हालांकि शुरू में ईरान ने सीजफायर को लेकर अगर मगर की। इजरायल ने गहरी चुप्पी साध ली पर ऐलान ट्रम्प ने किया था तो इस पर अमल होना ही था। ट्रम्प ने अपने डिप्टी जेडी वेंस को जिम्मा दिया कि वो ईरान से बात करके सीजफायर के लिए तैयार करें। खुद उन्होंने इजरायल से बात करने की प्लानिंग की। जो नेतन्याहू सीज फायर पर जुबान खोलने को तैयार नहीं थे वो ट्रम्प का फोन आते ही राजी हो गए। उसके बाद ट्रम्प ने ऐलान किया कि मिडिल ईस्ट इस लड़ाई में तबाह हो सकता था पर अमेरिका ने ऐसा नहीं होने दिया। जानकार कहते हैं कि ट्रम्प लड़ाई में न कूदते तो ईरान के तेवर थमने वाले नहीं थे। यानि लड़ाई लंबी चलती। लेकिन जब ट्रम्प सामने हो तो कुछ भी हो सकता है। और वो ही हुआ। सारे सीन में ट्रम्प ने खुद को शांति दूत बी बना लिया। Ceasefire
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