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अफगानिस्तान का बगराम एयरबेस तालिबान से क्यों वापस चाहता है अमेरिका? Donald Trump ने बताई वजह

डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस को वापस लेने की इच्छा जताई है, जिसे चीन के खिलाफ एक रणनीतिक हथियार माना जा रहा है। उन्होंने बाइडन की वापसी को 'शर्मनाक' बताया और तालिबान से बातचीत की बात कही है।

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Ajit Kumar Pandey
अफगानिस्तान का बगराम एयरबेस तालिबान से क्यों वापस चाहता है अमेरिका? Donald Trump ने बताई वजह | यंग भारत न्यूज

अफगानिस्तान का बगराम एयरबेस तालिबान से क्यों वापस चाहता है अमेरिका? Donald Trump ने बताई वजह | यंग भारत न्यूज Photograph: (X.com)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस को फिर से अमेरिका के नियंत्रण में लेने की इच्छा जताई है। चीन से रणनीतिक नजदीकी के कारण यह एयरबेस अमेरिका के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। ट्रंप ने जो बाइडन सरकार की 2021 की वापसी को ‘सबसे शर्मनाक’ बताया है और तालिबान के साथ बातचीत करने की बात कही है। 

लाइव मिंट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक बयान अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा रहा है। उन्होंने एक बार फिर अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस को वापस लेने की बात कही है। यह बयान ऐसे समय आया है, जब अमेरिका और चीन के बीच भू-राजनीतिक तनाव चरम पर है। 

ट्रंप का मानना है कि यह एयरबेस सिर्फ एक सैन्य अड्डा ही नहीं बल्कि चीन को साधने का सबसे बड़ा रणनीतिक हथियार है। 

लंदन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने साफ कहा, “हम अफगानिस्तान को ताकत और सम्मान के साथ छोड़ने वाले थे। हम बगराम को अपने पास रखते, जो दुनिया के सबसे बड़े एयरबेस में से एक है।” 

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उन्होंने 2021 में जो बाइडन के नेतृत्व में हुई अमेरिकी वापसी को ‘इतिहास का सबसे शर्मनाक पल’ बताया। ट्रंप ने आरोप लगाया कि बाइडन सरकार ने जल्दबाजी में वापसी कर अरबों डॉलर के अमेरिकी सैन्य उपकरण और हथियार तालिबान के हाथ में छोड़ दिए। 

उनका कहना है कि हर साल तालिबान उसी अमेरिकी उपकरण से परेड निकालता है, जो अमेरिका के लिए एक बड़ा अपमान है। उन्होंने कहा कि एक-एक पेंच और बोल्ट तक वहां से निकाला जाना चाहिए था, लेकिन बाइडन ने इसे छोड़ दिया। 

बगराम एयरबेस की अहमियत क्यों? 

बगराम सिर्फ एक एयरबेस नहीं, बल्कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की 20 साल तक की मौजूदगी का दिल था। इसकी 3,600 मीटर लंबी रनवे पर बड़े मालवाहक विमान और बमवर्षक भी उतर सकते हैं। यह एयरबेस चीन की सीमा के करीब है, जिससे यह अमेरिका के लिए एक रणनीतिक निगरानी चौकी का काम कर सकता है। चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच, अमेरिका के लिए बगराम से चीनी गतिविधियों पर नजर रखना आसान हो जाएगा। 

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ट्रंप ने यह भी दावा किया था कि चीन इस एयरफील्ड को नियंत्रित कर रहा है, हालांकि तालिबान ने इस दावे को खारिज कर दिया था। ट्रंप का यह कदम न सिर्फ अफगानिस्तान में अमेरिका की वापसी की संभावनाओं को जिंदा करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भविष्य में अमेरिकी विदेश नीति में चीन एक बड़ा फैक्टर रहेगा।

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