Advertisment

White House में 2 ‘जिहादी’ सलाहकारों की नियुक्ति, एक की आतंकी संगठनों से रहीं हैं नजदीकियां

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने दो विवादित व्यक्तियों, इस्माइल रॉयर और शेख हमजा यूसुफ, को व्हाइट हाउस के धार्मिक स्वतंत्रता सलाहकार बोर्ड में नियुक्त किया है। रॉयर पहले लश्कर-ए-तैयबा और अल-कायदा से संबंध रखने के आरोप में जेल की सजा काट चुका है।

author-image
Ranjana Sharma
एडिट
haykh-hamza

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने दो विवादास्पद व्यक्तियों — इस्माइल रॉयर और शेख हमजा यूसुफ को व्हाइट हाउस के धार्मिक स्वतंत्रता से जुड़े सलाहकार बोर्ड में शामिल किया है। इस निर्णय ने कई हलकों में चिंता और आलोचना को जन्म दिया है, क्योंकि दोनों की पृष्ठभूमि चरमपंथ और आतंकवाद से जुड़ी रही है।

Advertisment

इस्माइल रॉयर: लश्कर-ए-तैयबा और अल-कायदा से संबंध

पूर्व में रान्डेल टॉड रॉयर नाम से पहचाने जाने वाले इस्माइल रॉयर ने 1992 में इस्लाम धर्म अपना लिया था। वह पहले काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस (CAIR) में भी कार्यरत रहे। रॉयर पर अमेरिका के खिलाफ युद्ध की साजिश रचने और आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और अल-कायदा को सहायता देने जैसे गंभीर आरोप लगे थे। 2004 में उसने विस्फोटकों और हथियारों के प्रयोग में सहायता करने के अपराध को स्वीकार किया, जिसके बाद उसे 20 साल की सजा सुनाई गई। वह 13 साल जेल में रहा और 2017 में रिहा हुआ।

वर्जीनिया जिहाद नेटवर्क में भूमिका निभाई 

Advertisment

रॉयर ने खुद स्वीकार किया कि वह लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होने की वकालत करता था और उसने कश्मीर में प्रशिक्षण कार्यक्रमों को 'प्रचार यात्रा' जैसा बताया। अमेरिका लौटने के बाद, उसने वर्जीनिया जिहाद नेटवर्क में भूमिका निभाई और पेंटबॉल के माध्यम से साथियों को आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

शेख हमजा यूसुफ: चरमपंथी संबंधों के आरोप

दूसरे नियुक्त व्यक्ति शेख हमजा यूसुफ कैलिफोर्निया के जैतूना कॉलेज के सह-संस्थापक हैं और एक प्रभावशाली इस्लामी वक्ता माने जाते हैं। हालांकि, उनके चरमपंथी संगठनों हमास और मुस्लिम ब्रदरहुड से संबंध होने के भी आरोप लगे हैं। 9/11 हमलों से ठीक दो दिन पहले उन्होंने एक विवादित फंडरेजर में हिस्सा लिया था, जहां उन्होंने अमेरिका को नस्लभेदी देश बताया और एक आरोपी व्यक्ति (जमील अल-अमीन) का पक्ष लिया, जिसे बाद में पुलिस हत्या में दोषी ठहराया गया। एफबीआई ने भी 9/11 हमलों के बाद यूसुफ से पूछताछ की थी। वह ब्रिटेन द्वारा इज़राइल को हथियार बेचने के विरोध में भी शामिल रहे हैं।

Advertisment

सवालों के घेरे में नियुक्तियां

इन दोनों की पृष्ठभूमि को देखते हुए, ट्रंप प्रशासन द्वारा उन्हें व्हाइट हाउस के Advisory Board of Le Leaders में शामिल करने पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। आलोचकों का कहना है कि इन नियुक्तियों से अमेरिका की आंतरिक सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता की नीति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

white house briefing | trump Zelensky white house not present in content

white house briefing trump Zelensky white house
Advertisment
Advertisment