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Explainer : 'फितना-अल-हिन्दुस्तान' क्या है? Pakistan 'फितना-अल-ख़्वारिज' के नाम से क्यों चला रहा फेक प्रोपेगंडा?

पाकिस्तान अपनी आंतरिक आतंकी विफलताएं छुपाने के लिए 'फितना-अल-हिन्दुस्तान' और 'फितना-अल-ख़्वारिज' जैसे फर्जी नैरेटिव गढ़ रहा है। TTP और बलूच विद्रोहियों से पस्त पाकिस्तान अपनी नाकामी का ठीकरा भारत पर फोड़ते हैं। भारत के खिलाफ कोई सबूत नहीं है।

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Ajit Kumar Pandey
Explainer : 'फितना अल हिन्दुस्तान' क्या है? Pakistan 'फितना-अल-ख़्वारिज' के नाम से क्यों चला रहा फेक प्रोपेगंडा? | यंग भारत न्यूज

Explainer : 'फितना-अल-हिन्दुस्तान' क्या है? Pakistan 'फितना-अल-ख़्वारिज' के नाम से क्यों चला रहा फेक प्रोपेगंडा?| यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।पाकिस्तान के भीतर उग्रवाद और विद्रोह से पस्त सेना रोजाना  एक नया नैरेटिव गढ़ने का काम कर रही है। ताजा मामला तहरीक-ए-तालिबान का है। पाकिस्तानी पुलिस और सेना TTP व बलूच विद्रोहियों की बढ़ती चुनौती से निपटने में नाकाम है इसलिए अब 'फितना-अल-हिन्दुस्तान' और 'फितना-अल-ख़्वारिज' जैसे शब्दों का सहारा लेकर भारत के खिलाफ एक नया हताशा भरा प्रोपेगेंडा शुरू कर दिया है। इस प्रोपेगंडा का मकसद अपनी आंतरिक सुरक्षा विफलताओं से भारत को बदनाम करना है, जबकि उनके पास भारत के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। 

Young Bharat News की इस एक्प्लेनर में पढ़ें कि कैसे पाकिस्तान की फर्जी में गढ़ा गया 'फितना-अल-हिन्दुस्तान' क्या है PAK की नई प्रोपेगेंडा मशीन? 

पिछले कुछ महीनों में, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और सेना के शीर्ष अधिकारियों ने एक ही रट लगा रखी है देश में हर छोटे-बड़े हमले के पीछे भारत का हाथ है। उन्होंने 'फितना-अल-हिन्दुस्तान' और 'फितना-अल-ख़्वारिज' जैसे भारी-भरकम शब्दों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।

ये दो शब्द दरअसल, पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा और वैचारिक नैरेटिव का नया हथियार हैं। पाकिस्तान की कोशिश है कि वह अपनी ज़मीन पर पल रहे आतंकवादियों को 'भारत-समर्थित' कहकर दुनिया की नज़र में भारत को दोषी ठहराए। सवाल उठता है कि इन शब्दों का मतलब क्या है और पाकिस्तान इन्हें क्यों इस्तेमाल कर रहा है? 

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'फितना-अल-हिन्दुस्तान' और 'फितना-अल-ख़्वारिज' का मतलब 

फितना-अल-हिन्दुस्तान 'फितना' अरबी में 'अशांति' या 'विद्रोह' को दर्शाता है। इसलिए, 'फितना-अल-हिन्दुस्तान' का सीधा मतलब है 'हिन्दुस्तान से आई अशांति'। पाकिस्तानी सेना हर उस आंतरिक हमले के लिए इस शब्द का उपयोग करती है, जिसका आरोप वह भारत पर लगाना चाहती है। 

पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट बताती है कि इस साल मई में सरकार ने बलूचिस्तान के सभी आतंकवादी संगठनों को 'फितना-अल-हिन्दुस्तान' नाम दिया था। फितना-अल-ख़्वारिज 'ख़्वारिज' इस्लामिक इतिहास में एक कट्टरपंथी समूह की ओर इशारा करता है। पाकिस्तान अपनी सुविधा के अनुसार TTP तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान जैसे संगठनों को इस नाम से बुलाता है और उन्हें 'इस्लाम से भटका हुआ' बताता है। 

पाकिस्तान का यह नैरेटिव आतंकवाद को भारत से जोड़कर और अपनी आंतरिक सुरक्षा कमियों को छिपाने का एक ढोंग है। 

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Explainer : 'फितना अल हिन्दुस्तान' क्या है? Pakistan 'फितना-अल-ख़्वारिज' के नाम से क्यों चला रहा फेक प्रोपेगंडा? | यंग भारत न्यूज
Explainer : 'फितना-अल-हिन्दुस्तान' क्या है? Pakistan 'फितना-अल-ख़्वारिज' के नाम से क्यों चला रहा फेक प्रोपेगंडा? | यंग भारत न्यूज Photograph: (X.com)

TTP से हार के बाद क्यों बेचैन है पाकिस्तान? 

ऑपरेशन ज़र्ब-ए-अज़्ब में करारी शिकस्त झेलने के बाद भी, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान TTP की जड़ें खत्म नहीं हुई हैं। वे पाकिस्तान के ख़ैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पूर्वी और उत्तरी हिस्सों- दक्षिण वज़ीरिस्तान, उत्तर वज़ीरिस्तान, मोहमंद, बाजौर, कुर्रम, ओराकज़ई और लक्की मरवत- में सक्रिय हैं। इसके अलावा, TTP पूर्वी अफ़ग़ान प्रांतों जैसे खोस्त, नंगरहार और कुनार में भी छिपा है, जहां से वह पाकिस्तान पर हमले की योजना बनाता है। 

TTP अपनी जड़ों से पाकिस्तान से नाराज़ है। वे पाकिस्तान में शरिया-आधारित शासन स्थापित करना चाहते हैं, जो अफगान तालिबान से प्रेरित है। ये समूह पाकिस्तानी सेना और सरकार को 'ग़ैर-इस्लामिक' मानता है, क्योंकि वे अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ सहयोग करते हैं। 

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TTP के मुख्य लक्ष्य है ख़ैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तानी सेना के अभियानों का खात्मा। पाकिस्तानी जेलों में बंद TTP लड़ाकों की रिहाई। मध्ययुगीन बर्बरता को मानना और महिलाओं को दोयम दर्जे का इंसान मानना। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि TTP का भारत से कोई लेना-देना नहीं है। इन इलाकों की सीमा भी भारत से नहीं छूती है। इसके बावजूद, पाकिस्तान दुनिया को गुमराह करने के लिए भारत पर ही आरोप लगाता है। 

Explainer : 'फितना अल हिन्दुस्तान' क्या है? Pakistan 'फितना-अल-ख़्वारिज' के नाम से क्यों चला रहा फेक प्रोपेगंडा? | यंग भारत न्यूज
Explainer : 'फितना-अल-हिन्दुस्तान' क्या है? Pakistan 'फितना-अल-ख़्वारिज' के नाम से क्यों चला रहा फेक प्रोपेगंडा? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

बलूचिस्तान का विद्रोह हर नाकामी पर 'भारत का हाथ' होने का दावा 

बलूचिस्तान में चल रहे विद्रोह के दौरान पाकिस्तानी सेना और ISI ने 2025 में हुए बलूच विद्रोह और आतंकवादी हमलों जैसे TTP के लिए भारत को दोषी ठहराने हेतु इन फर्जी नैरेटिव का इस्तेमाल किया है। यह कहानी भारत को 'अस्थिरता का स्रोत' बताकर पाकिस्तान की अपनी आंतरिक विफलताओं- जैसे आर्थिक संकट और बलूच दमन- से ध्यान हटाती है। यह फर्जी नैरेटिव क्षेत्रीय अशांति के लिए भारत को ज़िम्मेदार ठहराने का एक सस्ता हथकंडा है। 

बलूचिस्तान में पाकिस्तान का मानवाधिकारों को कुचलने का एक लंबा रिकॉर्ड रहा है। जब भी पाकिस्तानी सेना हवाई हमलों से विद्रोहियों पर हमला करती है और इसके बाद बलूच विद्रोही पाकिस्तानी सैनिकों पर पलटवार करते हैं तो पाकिस्तान तुरंत इसमें "भारत का हाथ" होने का बेहद शर्मनाक दावा करता है। 

Explainer : 'फितना अल हिन्दुस्तान' क्या है? Pakistan 'फितना-अल-ख़्वारिज' के नाम से क्यों चला रहा फेक प्रोपेगंडा? | यंग भारत न्यूज
Explainer : 'फितना-अल-हिन्दुस्तान' क्या है? Pakistan 'फितना-अल-ख़्वारिज' के नाम से क्यों चला रहा फेक प्रोपेगंडा? | यंग भारत न्यूज Photograph: (X.com)

जाफर एक्सप्रेस हमला, सबूत मांगा तो चुप्पी साध ली 

पाकिस्तान की सेना से लेकर उसके हुक्मरानों तक सब बार-बार कहते हैं कि उनके पास भारत के खिलाफ 'सॉलिड एविडेंस' है। जब जाफ़र एक्सप्रेस पर बलूचों ने हमला किया तो पाकिस्तान ने भारत के हाथ होने का बेबुनियाद दावा किया। पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान से कॉल ट्रेस की है और वह लिंक भारत से है, लेकिन इसका एक तिनका भी सबूत उन्होंने कभी पेश नहीं किया। 

इस हमले में तत्कालीन मुख्यमंत्री सरफराज़ बुगती ने 'सॉलिड एविडेंस' होने का मौखिक दावा किया। अक्टूबर 2025 में हुए जाफर एक्सप्रेस हमले पर रेल मंत्री हनीफ़ अब्बासी ने भी भारत पर दोष मढ़ा, पर सबूत के नाम पर उनके पास कुछ नहीं था। 

बुधवार को हुए एक और वारदात की निंदा करते हुए, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी दोनों ने भारत पर आरोप लगाया। शहबाज़ शरीफ ने कहा कि वे 'भारत समर्थित आतंकवादियों' के नापाक इरादों को कुचल देंगे। वहीं जरदारी ने 'भारत समर्थित ख़्वारिज' के सफाए पर संतोष जताया। 

सच तो यह है कि यह विफल हो चुके पाकिस्तानी स्टेट की ओर से भारत के विरुद्ध एक फर्जी नैरेटिव फैलाने की एक हताश कोशिश है, क्योंकि उनके पास भारत के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। पाकिस्तान की यह नीति न केवल बेबुनियाद है, बल्कि यह क्षेत्र की शांति के लिए भी घातक है। 

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