/young-bharat-news/media/media_files/2025/09/10/police-walk-near-tires-burning-at-a-blockade-in-nantes-france-reuters-2025-09-10-21-57-00.jpg)
Police walk near tires burning at a blockade in Nantes France। साभार REUTERS
पेरिस, वाईबीएन डेस्क। एशियाई देश नेपाल में हिंसा थमी भी नहीं की यूरोपीय देश फ्रांस हिंसा की आग से जल उठा है। बुधवार को पूरे फ्रांस में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, राजनीतिक अभिजात वर्ग और खर्च में कटौती की योजना के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करते हुए राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया, बैरिकेड जला दिए। देर रातको ताजा घटनाक्रम में कई स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं। हिंसा काबू करने के लिए देशभर में 80,000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कई स्थानों पर आंसू गैस का इस्तेमाल किया। राजधानी में लगभग 200 लोगों को हिरासत में लिया गया।
फ्रांस के पांचवें पीएम के तौर पर सेबेस्टियन लेकोर्नू नियुकत
समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार, फ्रांस में बुधवार को बड़े पैमाने पर राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के साथ झड़प की, सड़कें ब्लॉक और राजधानी पेरिस के साथ बाकी शहरों में आगजनी और तोड़फोड़ की। देश में मैक्रों और उनकी सरकार के खिलाफ जनता का गुस्सा और बढ़ गया है। मैक्रों ने पिछले दो सालों में फ्रांस के पांचवें प्रधानमंत्री के तौर पर अपने करीबी सेबेस्टियन लेकोर्नू को नियुक्त किया है, इससे लोग नाराज हैं। देश में शुरू हुए प्रदर्शनों ने राजनीतिक संकट और बढ़ा दिया है।
कैसे हुई प्रदर्शनों की शुरुआत
फ्रांस में पिछले एक हफ्ते से राजनीतिक उथल-पुथल जारी थी और इस वजह से ये प्रदर्शन हो रहे हैं। देश के पूर्व पीएम फ्रांस्वा बायरू ने बड़े स्तर पर आर्थिक नियंत्रणों का ऐलान किया था। इसके बाद उन्होंने सदन में विश्वास मत खो दिया था औ बायरू को इस्तीफा देना पड़ा। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मंगलवार को रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू को नया पीएम नियुक्त किया। महज केवल 12 महीनों में इस पद पर आसीन होने वाले वह चौथे व्यक्ति हैं। शीर्ष पदों पर तेजी से हुए बदलाव ने फ्रांस की राजनीतिक अस्थिरता बढ़ा दियाहै। और जनता की निराशा को और बढ़ा दिया। आलोचकों ने मैक्रों पर बड़े स्तर पर असंतोष को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
आर्थिक संकट में फ्रांस
फ्रांस का राजनीतिक संकट बिगड़ती सार्वजनिक वित्तीय स्थिति की पृष्ठभूमि में सामने आ रहा है। मैक्रों ने अब एक साल में अपना चौथा प्रधानमंत्री नियुक्त किया है, जबकि देश बढ़ते घाटे, बढ़ती उधारी लागत और खर्च सुधारों पर सहमत होने में असमर्थ संसद से जूझ रहा है। पहले महामारी, फिर एनर्जी क्राइसिस, फ्रांस साल 1973 से अपने बजट को संतुलित नहीं कर पाया है, स्थिर विकास और सस्ते उधार के जरिये से देश चल रहा है। France protests 2025 | France politics news | France | protest news france