नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: मध्य पूर्व एक बार फिर युद्ध की दहलीज़ पर खड़ा है। रात से ईरान और
इजरायल के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। सुबह होते ही यरुशलम, तेल अवीव और अन्य प्रमुख इजरायली शहरों में लगातार सायरनों की आवाजें गूंजने लगीं। लोग बंकरों में भागते नजर आए। दूसरी तरफ ईरान की राजधानी तेहरान समेत कई अहम सैन्य और औद्योगिक ठिकानों पर इजरायल ने मिसाइलें बरसाईं।
इजरायल की जवाबी कार्रवाई में 60 की मौत, 29 बच्चे शामिल
तेहरान में एक रिहायशी गगनचुंबी इमारत पर इजरायली हमले में 60 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 29 मासूम बच्चे भी शामिल हैं। इसके अलावा इजरायल ने दावा किया है कि उसने ईरान के रक्षा मंत्रालय समेत कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है।
ईरान के न्यूक्लियर और ऑयल इंफ्रास्ट्रक्चर पर सीधा वार
इजरायल अब ईरान की सामरिक रीढ़ पर सीधा हमला कर रहा है। पांच बड़े न्यूक्लियर प्लांट फोर्दो, खोनडाब, नतांज, इस्फहान और बुशहर इजरायली निशाने पर हैं। इसके अलावा शाहरान ऑयल डिपो, बुशहर के पास फज्र गैस रिफाइनरी और अबादान की ऑयल रिफाइनरी पर भी हमला किया गया है। बुशहर में स्थित फज्र गैस रिफाइनरी दुनिया के सबसे बड़े प्राकृतिक गैस संसाधनों में से एक मानी जाती है, जहां प्रतिदिन 125 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस प्रोसेस होती है।
ईरान की जवाबी कार्रवाई, 150 से ज्यादा मिसाइलें दागी गईं
इजरायल के हमलों के जवाब में ईरान ने भी तेज पलटवार किया है। अब तक ईरान ने इजरायल पर 150 से ज्यादा मिसाइलें दागी हैं, जिनमें कम से कम 5 लोगों की मौत और 100 से अधिक घायल होने की खबर है। ईरान ने दावा किया है कि उसने इजरायल के कुछ F-35 लड़ाकू विमान भी मार गिराए हैं, हालांकि इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है।
130 से अधिक की मौत, 300 से ज्यादा घायल
बीते 48 घंटों में ईरान पर इजरायल के हमलों में कुल 130 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इनमें ईरान के नौ न्यूक्लियर वैज्ञानिक और कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं। 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। जवाबी कार्रवाई में ईरान ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह एक्टिव कर दिया है। ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ने इजरायल को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि इस युद्ध की शुरुआत इजरायल ने की है, लेकिन अब वह इससे बाहर नहीं निकल पाएगा। उसके लिए जहन्नुम के दरवाज़े खुल चुके हैं।
अमेरिका की प्रतिक्रिया: परमाणु समझौते की चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी स्थिति पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अगर ईरान ने जल्द ही परमाणु समझौते को स्वीकार नहीं किया, तो इजरायल के हमले और भी भयानक होंगे।" उन्होंने ईरान को "खतरे की घड़ी" में बताया।
इतिहास: कभी मित्र थे ईरान और इजरायल
आज जो देश एक-दूसरे के दुश्मन बन चुके हैं, वे कभी दोस्त हुआ करते थे। 1948 में जब इजरायल अस्तित्व में आया तो 1950 में ईरान ने उसे एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता दी। 1960 और 70 के दशक में ईरान, इजरायल को तेल की आपूर्ति करता था। 1968 में दोनों देशों के बीच एक समझौते के तहत पाइपलाइन से तेल सप्लाई भी शुरू हुई। 1980 के दशक में ईरान-इराक युद्ध के दौरान इजरायल ने ईरान को हथियार सप्लाई किए थे। लेकिन 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद जब अयातुल्लाह खामेनेई सत्ता में आए, तो सबकुछ बदल गया। ईरान एक उदारवादी देश से कट्टर इस्लामी राष्ट्र में तब्दील हो गया। इसके बाद ईरान और इजरायल के रिश्तों में खटास बढ़ती गई। 1991 के खाड़ी युद्ध के दौरान ईरान ने अमेरिका को "बड़ा शैतान" और इजरायल को "छोटा शैतान" कहा था। Israel | Iran Israel Conflict