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Nathan Anderson: एयरशिप दुर्घटना से मिला Hindenburg Research को नाम

नाथन एंडरसन की कंपनी का नाम Hindenburg Research एक एयरशिप दुर्घटना से प्रेरित है। इस दुर्घटना ने एंडरसन पर गहरी छाप छोड़ी। उनका मानना ​​है कि कंपनियों में अनियमितताओं पर शोध करके और उन्हें उजागर करके भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।

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Kamal K Singh
HINDENBIRG
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

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हिंडनबर्ग एक ऐसी शॉर्ट सेलिंग कंपनी है जिसकी एक रिपोर्ट से पूरा शेयर बाजार हिल जाता है, इसकी एक रिपोर्ट से कंपनियां दिवालिया हो जाती हैं, इसकी रिसर्च रिपोर्ट बड़े-बड़े उद्योगपतियों को भी हिला देती है, लेकिन इन सबके अलावा आज हम बात करेंगे कि हिंडनबर्ग को ये नाम कैसे मिला, इसकी कहानी भी दिलचस्प है।

शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग की एक और पोस्ट उनके एक्स अकाउंट पर आई, जिसमें फिर से सभी को पैसे वापस करने की बात कही गई। हालांकि, इस बार पोस्ट कोई रिसर्च रिपोर्ट नहीं थी। इस बार यह कंपनी के संस्थापक नाथन एंडरसन ने की थी, जिसमें उन्होंने बताया कि वे अपनी कंपनी हिंडनबर्ग को बंद करने जा रहे हैं। हिंडनबर्ग के रिसर्च जाल में 20 बड़ी कंपनियां फंस चुकी हैं, जिसमें विदेशी कंपनियों के साथ-साथ भारत की बड़ी कंपनी अडानी ग्रुप भी शामिल है। जैसे: WINS फाइनेंस, निकोला, SC वर्क्स, लॉर्डस्टाउन मोटर्स, इसके जाल में फंसी कई कंपनियां पूरी तरह से दिवालिया हो चुकी हैं।

हिंडनबर्ग नाम एक एयरशिप दुर्घटना से लिया गया है

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1937 में एक एयरशिप दुर्घटना हुई थी, जिसका नाम हिंडनबर्ग था। 6 मई 1937 को मैनचेस्टर टाउनशिप, न्यू जर्सी में यह एयरशिप हवा में ही फट गई और उसमें आग लग गई। इस दुर्घटना में करीब 36 लोगों की मौत हो गई थी। यह एयरशिप एक नाजी एयरशिप थी जिसके पीछे नाजी काल का स्वस्तिक बना हुआ था। जब इस दुर्घटना की जांच की गई तो पाया गया कि कंपनी ने नियमों का उल्लंघन करते हुए उड़ान भरते समय क्षमता से अधिक यात्रियों को ले जाया था। नाथन एंडरसन की कंपनी का नाम हिंडनबर्ग इसी एयरशिप दुर्घटना से प्रेरित है। इस दुर्घटना ने एंडरसन पर गहरी छाप छोड़ी। उनका मानना ​​है कि कंपनियों में अनियमितताओं पर शोध करके और उन्हें उजागर करके भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।

जाने क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च?

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स्थापना: हिंडनबर्ग रिसर्च की स्थापना 2017 में नाथन एंडरसन ने की थी। यह खोजी शोध और शॉर्ट-सेलिंग पर केंद्रित है।

विशेषज्ञता: हिंडनबर्ग रिसर्च विस्तृत विश्लेषण के माध्यम से सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों में धोखाधड़ी और अनियमितताओं को उजागर करने का दावा करता है।

बड़ी रिपोर्ट: हिंडनबर्ग ने निकोला कॉरपोरेशन, लॉर्डस्टाउन मोटर्स और अदानी ग्रुप जैसी कंपनियों पर सनसनीखेज रिपोर्ट जारी की है। इसने इसे दुनिया भर में प्रसिद्धि दिलाई।

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शोध पद्धति: हिंडनबर्ग का दावा है कि वह कंपनी से संबंधित सार्वजनिक रिकॉर्ड, साक्षात्कार और वित्तीय विश्लेषण के माध्यम से जानकारी एकत्र करता है।

शेयरों पर प्रभाव: हिंडनबर्ग की रिपोर्टों ने कई बार हलचल मचाई है। इससे अक्सर शेयर की कीमतों में तेज गिरावट आई है। इससे संबंधित कंपनी के खिलाफ नियामकों की जांच बढ़ जाती है।

पारदर्शिता: हिंडनबर्ग अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक रूप से प्रकाशित करता है। इसका दावा है कि इसका उद्देश्य निवेशकों को सूचित करना और बाजार की अखंडता को बढ़ावा देना है।

विवाद: कंपनी को अपनी शॉर्ट-सेलिंग रणनीति के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है। इस पर बाजार में हेरफेर करने का आरोप लगाया गया है।

निवेशक संबंध: हिंडनबर्ग द्वारा लक्षित कंपनियाँ अक्सर रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों से इनकार करती हैं। हालाँकि, अडानी समूह जैसे मामले में, संबंधित कंपनी को शेयर की गिरती कीमतों के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

हिंडनबर्ग प्रभाव: हिंडनबर्ग रिसर्च वित्तीय बाजारों में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी रहा है। यह निवेशकों की भावना और नियामक कार्रवाइयों को प्रभावित करता रहा है।

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