नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
दुनियाभर में जारी टैरिफ युद्ध के बीच आयात में गिरावट के चलते भारत का व्यापार घाटा फरवरी 2025 में घटकर 14.05 अरब डॉलर रह गया। यह अगस्त 2021 के बाद सबसे निचला स्तर है। खास बात यह है कि यह अर्थशास्त्रियों के अनुमानित 21.65 अरब डॉलर के घाटे से काफी कम हो गया है।
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निर्यात में लगातार चौथे महीने गिरावट
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक अनिश्चितताओं और पेट्रोलियम कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण भारत का वस्तु निर्यात लगातार चौथे महीने घटकर 36.91 अरब डॉलर रह गया। पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 41.41 अरब डॉलर था। इसी दौरान आयात भी घटकर 50.96 अरब डॉलर पर आ गया, जो अप्रैल 2023 के बाद सबसे कम है। फरवरी 2024 में यह आंकड़ा 60.92 अरब डॉलर था।
नवंबर से शुरू हुई थी आयात में गिरावट
नवंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच निर्यात में लगातार गिरावट देखी गई। जनवरी में निर्यात 36.43 अरब डॉलर, दिसंबर में 38.01 अरब डॉलर और नवंबर में 32.11 अरब डॉलर रहा। व्यापार घाटे में आई कमी को लेकर एक अधिकारी ने कहा कि ये त्वरित आंकड़े हैं और हम आयात में इस गिरावट के कारणों की जांच कर रहे हैं।
11 महीनों में 6.24 प्रतिशत बढ़ा निर्यात
चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों (अप्रैल-फरवरी) में वस्तु और सेवा निर्यात 6.24% बढ़कर 750.53 अरब डॉलर पहुंच गया, जबकि 2023-24 की समान अवधि में यह 706.43 अरब डॉलर था। फरवरी में भारत से जिन पांच देशों को सबसे ज्यादा वस्तुओं का निर्यात किया गया, उनमें अमेरिका, सयुक्त अरब, यूके, जापान और नीदरलैंड शामिल हैं। निर्यात में बढ़ोत्तरी की बात करें तो अमेरिका को होने वाले निर्यात में 9.1 प्रतिशत, संयुक्त अरब अमीरात को 5.19 प्रतिशतए यूके को 12.47 प्रतिशतए जापान को 21.67 प्रतिशत और नीदरलैंड को निर्यात में कुल 3.68 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
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सोने और कच्चे तेल के आयात में गिरावट
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में सोने का आयात घटकर 2.3 अरब डॉलर रह गया, जबकि जनवरी में यह 2.68 अरब डॉलर था। इसी तरह, कच्चे तेल का आयात 13.4 अरब डॉलर से घटकर 11.8 अरब डॉलर पर आ गया। हालांकि, गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न आभूषण (सोना, चांदी और अन्य बहुमूल्य धातु) का आयात बढ़कर 35.02 अरब डॉलर पहुंच गया, जो एक साल पहले 33.96 अरब डॉलर था।