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इस्लामाबाद, वाईबीएन डेस्क। दो साल से पाकिस्तान की अदियाला जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री एवं क्रिकेटर इमरान खान की जल्द रिहाई की उम्मीद है। समझा जा रहा है कि सेना प्रमुख असीम मुनीर उनकी रिहाई के लिए तैयार हो गए हैं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख गौहर अली खान ने कहा कि इमरान को बुधवार 11 जून को 2,202 करोड़ रुपये के अल-कादिर ट्रस्ट मामले में जमानत मिल सकती है। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) इमरान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी की सजा को निलंबित करने की याचिकाओं पर सुनवाई करने वाला है।
सेना के खिलाफ बोलना बंद करना पड़ेगा
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, अगस्त 2023 से अदियाला जेल में बंद हैं। उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अनुसार इस सप्ताह रिहा हो सकते हैं। पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर से उम्मीद की जा रही है कि वे इमरान की रिहाई की अनुमति देंगे, बशर्ते कि पूर्व पीएम सेना के खिलाफ अपनी बयानबाजी को बंद करें और देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के अपने आह्वान को रद्द कर दें।
बुशरा बीबी को बिना आरोप जेल में रखा
पीटीआई प्रमुख गौहर ने आरोप लगाया कि इमरान पर दबाव बनाने के लिए बुशरा बीबी को बिना किसी आरोप के जेल में रखा जा रहा है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट कहा कि पार्टी इमरान की रिहाई के लिए किसी भी सौदे पर सहमत नहीं होगी। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने, पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर ने पीएम शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और सैन्य प्रतिष्ठान के खिलाफ व्यापक विरोध का आह्वान किया था। 72 वर्षीय गौहर ने विपक्षी दलों से पाकिस्तान के अस्तित्व की खातिर पीटीआई के साथ गठबंधन करने का आग्रह किया है, उन्होंने शहबाज की पार्टी पीएमएल (एन) और बिलावल भुट्टो-जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को "जनादेश चोर" कहा है। imran khan | pakistan | pakistan army chief on india | Pakistan army brutality
इमरान की बहन अलीमा की मार्फत बातचीत
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक खबर के अनुसार, इमरान की बहन अलीमा खान द्वारा भेजे गए संदेश में कहा गया है, "एक बड़े आंदोलन की तैयारी शुरू करें, मैं लोगों को इस्लामाबाद नहीं बुलाऊंगी, लेकिन हम पूरे पाकिस्तान में आंदोलन शुरू करेंगे,। इमरान ने पहले कसम खाई थी कि अगर उन्हें अपना बाकी जीवन जेल में बिताने के लिए मजबूर होना पड़ा तो भी वे आत्मसमर्पण नहीं करेंगे। अलीमा ने अपने भाई के हवाले से कहा, "चाहे कितनी भी यातना क्यों न दी जाए, मैं कभी भी अधीनता स्वीकार नहीं करूंगी। मैं हार नहीं मानूंगी।" वे पिछले दिनों जेल में अपने भाई से भी मिली थी। समझा जा रहा है कि वे सेना प्रमुख से मिले संकेतों के बाद ही उनका प्रस्ताव लेकर गई थीं।
ईद का बाद आंदोलन की धमकी दी थी
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर, जो पीटीआई के एक प्रमुख नेता हैं, ने पहले ईद-उल-अजहा के बाद इमरान के समर्थन में एक जन आंदोलन शुरू करने की धमकी दी थी। पूर्व पीएम को अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव में हटा दिया गया था, जिसके बाद उन्हें तोशकाना मामले में तीन साल जेल की सजा सुनाई गई थी। मामले के निलंबन के बाद, इमरान पर कई अन्य मामलों में आरोप लगाए गए और तब से वह जेल में हैं। Asim Munir | Pakistan Politics | Al-Qadir Trust Case