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Jute Import Ban: भारत ने बांग्लादेश से जूट आयात पर रोक, मुंबई पोर्ट को मिली छूट

भारत ने बांग्लादेश से जूट और संबंधित उत्पादों के आयात पर बड़ा फैसला लेते हुए सभी भूमि और समुद्री बंदरगाहों के जरिए इन उत्पादों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। सिर्फ मुंबई का न्हावा शेवा पोर्ट इससे मुक्त रहेगा।

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Dhiraj Dhillon
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Jute import ban

Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।  India- Bangladesh: भारत सरकार ने बांग्लादेश से जूट और उससे जुड़े उत्पादों के आयात पर बड़ा प्रतिबंध लगाया है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने अधिसूचना जारी कर स्पष्ट किया कि अब इन उत्पादों को भारत-बांग्लादेश सीमा पर मौजूद किसी भी भूमि बंदरगाह के जरिए भारत में प्रवेश नहीं मिलेगा। हालांकि, मुंबई के न्हावा शेवा बंदरगाह से इनका आयात फिलहाल जारी रहेगा। आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी दी कि यह प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है और इसमें फ्लैक्स टो, जूट वेस्ट, यार्न, बुने हुए कपड़े जैसे सभी प्रकार के जूट व allied फाइबर प्रोडक्ट्स शामिल हैं।

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भारत के किसान- मजदूर हो रहे थे प्रभावित

एक अधिकारी ने बताया- भारतीय जूट उद्योग को बांग्लादेश से आ रहे सस्ते और सब्सिडी युक्त उत्पादों से नुकसान हो रहा था। इससे न केवल किसानों की आमदनी प्रभावित हो रही थी, बल्कि मिलों में काम करने वाले लाखों मजदूरों की नौकरी पर भी खतरा मंडरा रहा था। भारत लंबे समय से बांग्लादेश सरकार से जूट पर सब्सिडी खत्म करने की अपील करता रहा है। लेकिन अब तक केवल सतही सुधार किए गए हैं और "वैल्यू-एडेड जूट प्रोडक्ट्स" के निर्यात को बढ़ावा मिलता रहा है।

नेपाल और भूटान के रास्ते भी नहीं आ सकेगा जूट

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भारत में जूट उत्पादन का केंद्र पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, असम, त्रिपुरा, मेघालय और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य हैं। यहां लगभग चार लाख लोग सीधे इस उद्योग से जुड़े हैं। बांगलादेश पर लागू किया गया यह प्रतिबंध नेपाल और भूटान को किए गए बांग्लादेशी जूट निर्यात पर लागू नहीं होगा, लेकिन इन देशों से भारत को पुनर्निर्यात (re-export) प्रतिबंधित रहेगा। बता दें कि इससे पहले, 17 मई को भारत ने बांग्लादेश से परिधान (apparel) उत्पादों के लिए भी भूमि बंदरगाहों से प्रवेश बंद कर दिया था।

भारतीय नीतियों का अनुचित लाभ उठा रहा था बांग्लादेश

अधिकारियों का कहना है कि भारत ने सद्भावनापूर्ण तरीके से बाजार पहुंच प्रदान की थी, लेकिन बांग्लादेश की अनुचित व्यापार नीतियों ने भारतीय किसानों और मजदूरों को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। सरकार का मानना है कि अगर यह स्थिति बनी रही तो भारतीय जूट उद्योग को गहरा नुकसान हो सकता है।

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