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Photograph: (Google)
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत और चीन के बीच रिश्तों में सुधार के सकारात्मक संकेत एक बार फिर नजर आ रहे हैं। 2020 के गलवान संघर्ष और कोविड-19 महामारी के बाद से बंद पड़ी सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करने की दिशा में दोनों देश तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार ने एयर इंडिया और इंडिगो जैसी एयरलाइंस को अक्टूबर से शुरू होने वाले विंटर सीजन तक चीन के लिए उड़ानें तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
मोदी एससीओ में कर सकते हैं घोषणा
संभावना है कि इन डायरेक्ट फ्लाइट्स की औपचारिक घोषणा शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक होने वाले इस समिट में चीन जा सकते हैं, हालांकि उनकी यात्रा की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है और यह सीमा वार्ता तथा SCO विदेश मंत्रियों की बैठक के नतीजों पर निर्भर करेगा।
2020 से बंद हैं सीधी उड़ान सेवाएं
भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें 2020 की शुरुआत में कोविड-19 और गलवान घाटी में सैन्य झड़पों के बाद निलंबित कर दी गई थीं। तब से यात्राएं केवल सिंगापुर, बैंकॉक, दुबई या हांगकांग जैसे तीसरे देशों के जरिए या चार्टर्ड फ्लाइट्स से ही हो रही थीं। इस कदम से दोनों देशों के बीच पर्यटन, व्यापार और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
द्विपक्षीय संबंधों में सुधार
अमेरिका द्वारा भारत और चीन पर लगाए गए टैरिफ के बाद दोनों देशों के बीच सहयोग की संभावनाएं और मजबूत हुई हैं। विश्लेषकों का मानना है कि भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखते हुए चीन के साथ संबंधों में संतुलन साधने की कोशिश कर रहा है। सीधी उड़ानों की बहाली को तनाव कम करने और द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूती देने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
एयरलाइंस की स्थिति और चुनौतियां
2019 में भारत-चीन रूट पर उड़ानें लगभग पूरी क्षमता से चल रही थीं। चाइना सदर्न और चाइना ईस्टर्न जैसी चीनी एयरलाइंस के साथ-साथ एयर इंडिया और इंडिगो भी सक्रिय थीं। इंडिगो ने 2019 में दिल्ली-चेंगदू और कोलकाता-ग्वांगझोउ रूट शुरू किए थे।
उड़ानों की बहाली से पहले हवाई किराए का नियमन, स्लॉट आवंटन और ग्राउंड हैंडलिंग कॉन्ट्रैक्ट जैसे मुद्दों पर बातचीत जारी है। भारत चाहता है कि उसकी एयरलाइंस को मांग के आधार पर किराए तय करने की स्वतंत्रता मिले, वहीं चीन की लो-कॉस्ट एयरलाइंस के भारतीय बाजार में प्रवेश पर भी चर्चा चल रही है।
उड़ानों की बहाली से पहले हवाई किराए का नियमन, स्लॉट आवंटन और ग्राउंड हैंडलिंग कॉन्ट्रैक्ट जैसे मुद्दों पर बातचीत जारी है। भारत चाहता है कि उसकी एयरलाइंस को मांग के आधार पर किराए तय करने की स्वतंत्रता मिले, वहीं चीन की लो-कॉस्ट एयरलाइंस के भारतीय बाजार में प्रवेश पर भी चर्चा चल रही है।
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