संयुक्त राष्ट्र, वाईबीएन नेटवर्क।
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) को सूचित किया कि उसने तालिबान शासन के साथ द्विपक्षीय संबंधों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की है और दोनों देशों के लोगों के बीच "विशेष" संबंध भारत के वर्तमान जुड़ाव का आधार रहे हैं।
भारत ने दोहराई प्रतिबद्धता
भारत ने अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता और समावेशी विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। तालिबान शासन के साथ हुई चर्चाओं में मानवीय सहायता, विकास परियोजनाओं की निरंतरता, महिला अधिकारों और शिक्षा, और आतंकवाद के मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया।
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भारत ने की है मदद
भारत ने संयुक्त राष्ट्र संस्था को बताया कि वह स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, खेल और दक्षता विकास के क्षेत्रों में अफगानिस्तान के लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों के साथ काम कर रहा है। वर्ष 2001 से भारत, अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, हमारी विकास साझेदारी में अफगानिस्तान के सभी प्रांतों में फैली 500 से अधिक परियोजनाएं शामिल हैं। अगस्त 2021 से अब तक भारत ने देश को 27 टन राहत सामग्री, 50 हजार टन गेहूं, 40 हजार लीटर कीटनाशक और 300 टन से अधिक दवाइयां तथा चिकित्सा उपकरण दिए हैं।
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विकास परियोजनाओं में शामिल होने पर भारत करेगा विचार
हरीश ने परिषद में कहा कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। अफगान पक्ष ने अफगानिस्तान के लोगों के साथ जुड़ने और उनका समर्थन करने के लिए भारतीय नेतृत्व की सराहना की और उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘‘यह निर्णय लिया गया कि भारत, अफगानिस्तान में जारी मानवीय सहायता कार्यक्रमों के अलावा निकट भविष्य में विकास परियोजनाओं में शामिल होने पर विचार करेगा।’’