/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/30/united-nations-2025-07-30-08-21-21.jpg)
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। संयुक्त राष्ट्र में "फिलिस्तीन मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान और दो-राज्य सिद्धांत के क्रियान्वयन" पर उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत ने एक बार फिर दो-राज्य समाधान का पुरजोर समर्थन किया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत हरीश परवाथनेनी ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम संवाद और कूटनीति के जरिए इस लंबे संघर्ष का समाधान खोजें।राजदूत ने अपने बयान में कहा- अब हमारे प्रयासों का केंद्र बिंदु यह होना चाहिए कि कैसे दो-राज्य समाधान को व्यवहारिक संवाद और कूटनीति के माध्यम से आगे बढ़ाया जाए। दोनों पक्षों को सीधे वार्ता के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
गाजा में जारी मानवीय संकट पर गहरी चिंता
भारत ने गाजा में जारी मानवीय त्रासदी पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि हजारों लोग मारे गए हैं, बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं और अस्पताल, स्कूल जैसे बुनियादी ढांचे नष्ट हो चुके हैं। राजदूत ने कहा-गाजा में मानवीय सहायता तत्काल ज़रूरी है। वहां के लोगों को बिना किसी बाधा के खाद्य सामग्री, ईंधन और जीवन रक्षक जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति मिलनी चाहिए। यह मदद किसी भी राजनीतिक या सैन्य संघर्ष से परे होनी चाहिए।
#WATCH | New York | At the United Nations High-Level International Conference on "The Peaceful Settlement of the Question of Palestine and the Implementation of The Two-State Solution", India's Permanent Representative to the United Nations, Ambassador Harish P. says, "...Our… pic.twitter.com/vweX5UIJMe
— ANI (@ANI) July 30, 2025
भारत की तत्काल मांगें
Advertisment
भारत के राजदूत हरीश परवाथनेनी ने कहा कि फिलिस्तीन संकट के समाधान के लिए चार प्रमुख कदमों के बिना कोई भी स्थायी समाधान संभव नहीं है। उन्होंने इस दिशा में प्रयासरत मित्र राष्ट्रों की भूमिका की भी सराहना हुए चार प्रस्ताव रखे:
1. तत्काल युद्धविराम
2. बाधा रहित और सतत मानवीय सहायता
3. सभी बंधकों की रिहाई
4. संवाद और कूटनीति के रास्ते पर आगे बढ़ना
1. तत्काल युद्धविराम
2. बाधा रहित और सतत मानवीय सहायता
3. सभी बंधकों की रिहाई
4. संवाद और कूटनीति के रास्ते पर आगे बढ़ना
"व्यावहारिक समाधान की दिशा में बढ़ें"
भारत ने सम्मेलन में यह भी कहा कि केवल प्रस्ताव पास करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि जमीनी स्तर पर व्यावहारिक समाधान लागू करना जरूरी है, जिससे फिलिस्तीनी नागरिकों के जीवन में वास्तविक परिवर्तन आए। भारत इस नेक कार्य में अपनी पूरी भागीदारी के लिए तैयार है। हमारा उद्देश्य है कि मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता कायम हो।" gaza | israel gaza conflict
Advertisment