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वाशिंगटन, वाईबीएन डेस्क। अमेरिका में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट, दोनों पार्टियों के सांसद खुलकर भारत-अमेरिका संबंधों की पैरवी कर रहे हैं। ट्रंप प्रशासन की नीतियों के बावजूद अमेरिका की दोनों पार्टियों का यह रूख खबरों में है और खासा चर्चा का विषय बना हुआ है। बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने हाल में ही भारत के हितों के खिलाफ कई नीतियां लागू की थीं।
10 दिनों में छह संयुक्त पत्र
आईएएनएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दस दिनों में कम से कम छह संयुक्त पत्र और प्रस्ताव तैयार किए गए, जिनमें भारतीय अमेरिकी समुदाय के हितों की सुरक्षा और भारत-अमेरिका सहयोग को बनाए रखने पर जोर दिया गया। सांसदों ने ट्रंप प्रशासन से उन नीतियों के लिए जवाबदेही मांगी, जो भारत के खिलाफ थीं, जैसे रूस से तेल खरीद पर टैरिफ और एच-1बी वीजा नियमों में बदलाव।
हिंदुओं के खिलाफ गलत धारणा पर भी चिंता
सांसदों ने रटगर्स यूनिवर्सिटी में हिंदुओं के खिलाफ गलत धारणाओं और पूर्वाग्रह को बढ़ाने वाले कार्यक्रम पर भी चिंता जताई। पत्रों और प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करने वालों में डेमोक्रेट सुहास सुब्रमण्यम, जॉर्जिया के रिपब्लिकन रिच मैककॉर्मिक, जॉर्जिया के डेमोक्रेट सैनफोर्ड बिशप शामिल थे। सांसदों का कहना है कि भारत-अमेरिका साझेदारी दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक साझेदारियों में से एक है और दोनों पार्टियों को मिलकर इसे समर्थन देना चाहिए। इस पहल ने अमेरिकी राजनीतिक हलकों में सकारात्मक संदेश भेजा है कि भारत-अमेरिका रिश्तों की मजबूती को दोनों पार्टियों द्वारा महत्व दिया जा रहा है। Input: IANS
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