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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।भारत-अमेरिका की दोस्ती अब दुश्मनों की नींद उड़ाएगी!। अमेरिका ने भारत को बताया ‘प्राथमिक रक्षा साझेदार’। क्वाड में बढ़ेगी भारत की भूमिका, सुरक्षा साझेदारी को नई ऊंचाई। चीन को घेरने की रणनीति में भारत बना अमेरिका का अहम हथियार। रक्षा तकनीक, इंटेलिजेंस और सैन्य अभ्यास पर होगा गहरा सहयोग। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति के लिए मिलकर उठाएंगे ठोस कदम।
अमेरिका के रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने कहा है कि भारत के साथ हमारी रक्षा साझेदारी भविष्य की सुरक्षा की कुंजी है। क्वाड सहयोग को विस्तार देने और चीन की रणनीतिक घेराबंदी के लिए अमेरिका भारत को सबसे मजबूत साथी मानता है।
"भारत-अमेरिका रक्षा गठबंधन सिर्फ रणनीति नहीं, भरोसे की नींव है" – हेगसेथ
"Expanding our security partnerships with India": US Defence Secy Hegseth; bats for enhancing QUAD cooperation
— ANI Digital (@ani_digital) May 31, 2025
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भारत और अमेरिका के बीच सुरक्षा और सामरिक सहयोग अब नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है। अमेरिकी रक्षा सचिव Pete Hegseth ने भारत को न केवल एक 'प्राथमिक रणनीतिक साझेदार' बताया, बल्कि यह भी कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता के लिए भारत की भूमिका अब और मजबूत होने वाली है।
हेगसेथ के बयान से साफ है कि अमेरिका अब भारत के साथ क्वाड (QUAD) के दायरे को सिर्फ कागज पर नहीं, जमीन पर भी मजबूत करना चाहता है। उन्होंने रक्षा तकनीक, खुफिया सहयोग, संयुक्त सैन्य अभ्यास और इंडो-पैसिफिक रणनीति में भारत की भागीदारी को 'टेक्नोलॉजिकल और डिप्लोमैटिक अपग्रेड' बताया।
भारत-अमेरिका सहयोग का अगला पड़ाव: क्वाड 2.0?
भारत और अमेरिका के बीच यह सहयोग सिर्फ द्विपक्षीय नहीं है। QUAD यानी Quadrilateral Security Dialogue में जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर जो रणनीति बन रही है, उसका सीधा असर चीन की आक्रामक नीति पर पड़ने वाला है।
हेगसेथ ने कहा कि "भारत और अमेरिका का मिलन केवल रक्षा साझेदारी नहीं बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों की साझेदारी है।" इससे संकेत मिलता है कि आने वाले समय में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच संयुक्त ऑपरेशंस और गहरे होंगे।
क्या भारत को मिलेगी एडवांस अमेरिकी सैन्य तकनीक?
पीट हेगसेथ के बयान में यह संकेत भी छिपा है कि भारत को अब अत्याधुनिक अमेरिकी हथियार प्रणाली, AI आधारित रक्षा उपकरण और इंटेलिजेंस नेटवर्किंग जैसी तकनीकें मिल सकती हैं।
यह कदम अमेरिका को न केवल रणनीतिक बढ़त देगा, बल्कि भारत को भी घरेलू रक्षा उत्पादन को गति देने का अवसर देगा। मेक इन इंडिया और डिफेंस एक्सपोर्ट में भारत के लिए यह सुनहरा मौका हो सकता है।
चीन को बड़ा संदेश: भारत अब अकेला नहीं
हेगसेथ का यह बयान सिर्फ रणनीतिक नहीं, बल्कि एक मजबूत भू-राजनीतिक संदेश भी है – खासतौर पर चीन और रूस जैसे देशों को। क्वाड की बढ़ती सक्रियता और भारत की निर्णायक भूमिका इस क्षेत्र में शक्ति संतुलन को बदल सकती है।
भारत और अमेरिका की यह नजदीकी क्या वाकई आने वाले समय में चीन जैसी ताकतों के लिए चुनौती बनेगी? क्या यह रक्षा साझेदारी भारत की सैन्य ताकत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी?
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