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वाशिंगटन, वाईबीएन डेस्क।अमेरिका के एकतरफा और मनमाने टैरिफ लागू किए जाने के बाद जिस तरह भारत ने सख्त रुख अपनाया और घरेलू व कूटनीतिक स्तर पर कदम-दर-कदम चाले चलीं, उसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नरम रूख अपनाने पर मजबूर कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल़्ड ट्रंप ने अपने सोशल ट्रूथ पर पोस्ट करके नरमी के संकेत दिए हैं। ट्रंप ने दावा किया है कि भारत-अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों की पुनर्बहाली के लिए बातचीत का चैनल दोबारा शुरू हो गया है। यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि यह ट्रंप की कोई नई चाल है या भारत के प्रभाव का असर कि उनकी भाषा भारत को लेकर बदल रही है।
लिखा-मैं अपने दोस्त से बातचीत के लिए इच्छुक
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया साइट ट्रूथ सोशल पर पोस्ट किया, "मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका, दोनों देशों के बीच व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए बातचीत जारी रखे हुए हैं। मैं आने वाले हफ़्तों में अपने बहुत अच्छे दोस्त, प्रधानमंत्री मोदी से बात करने के लिए उत्सुक हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे दोनों महान देशों के लिए एक सफल निष्कर्ष पर पहुंचने में कोई कठिनाई नहीं होगी!" उल्लेखनीय है कि रूस से तेल खरीद जारी रखने पर ट्रंप ने जुर्माने के तौर भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लागू कर दिया था। इससे दोनों देशों के बीच खटास और बढ़ गई।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पोस्ट किया, "मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका, दोनों देशों के बीच व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए बातचीत जारी रखे हुए हैं। मैं आने वाले हफ़्तों में अपने बहुत अच्छे दोस्त, प्रधानमंत्री मोदी से बात करने के… pic.twitter.com/TzG2hiwWEZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 9, 2025
पीएम मोदी का हमेशा रहूंगा दोस्त
न्यूज एजेंसी एएनआई द्वारा पूछे जाने पर कि क्या आप इस समय भारत के साथ संबंधों को फिर से स्थापित करने के लिए तैयार हैं? अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि मैं हमेशा तैयार रहूंगा। मैं हमेशा (पीएम) मोदी का दोस्त रहूंगा। वह एक महान प्रधानमंत्री हैं। मैं हमेशा उनका दोस्त रहूंगा, लेकिन मुझे वह पसंद नहीं है जो वह इस समय कर रहे हैं। लेकिन भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच एक बहुत ही खास रिश्ता है। चिंता की कोई बात नहीं है। हमारे बीच कभी-कभी कुछ पल ऐसे आते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्रुथ सोशल पर अपने पोस्ट पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने 'भारत और रूस को चीन के हाथों खो देने' की बात कही थी, और कहा कि उन्हें नहीं लगता कि ऐसा हुआ है।
भारत पर टैरिफ क्या असर पड़ रहा?
यकीनन भारतीय अर्थव्यवस्था अमेरिकी शुल्क की वजह से काफी ज्यादा दबाव में है। क्योंकि अमेरिका इसका सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत ने 2024 में अमेरिका को लगभग 87 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया। नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक ‘ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव' का अनुमान है कि 2026 में यह आंकड़ा 40 फीसदी से ज्यादा घटकर करीब 50 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। फिलहाल दुनिया में भारत के पास अमेरिका जैसा बड़ा मार्केट नहीं हैं। भारत अमेरिका को मुख्य रूप से कपड़ा, आभूषण और रत्न जैसे सामान निर्यात करता है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव का मानना है कि अगले 12 महीनों में इनमें से कुछ क्षेत्रों के निर्यात में भारी गिरावट आ सकती है।
अर्थव्यवस्था में इन क्षेत्रों की हिस्सेदारी 14 फीसदी
चूंकि शुल्क में सिर्फ वस्तुओं और विनिर्माण क्षेत्र को ही टारगेट किया गया है, इसलिए ‘वास्तविक अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव सीमित रहेगा।' इसकी वजह यह है कि भारत की अर्थव्यवस्था में इन क्षेत्रों की हिस्सेदारी अपेक्षाकृत कम यानी करीब 14 फीसदी ही है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि मोदी विनिर्माण क्षेत्र और 'मेक इन इंडिया' नीतियों को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने कहा, "सबसे बड़े निर्यात बाजार तक पहुंच कम होने से अर्थव्यवस्था का यह हिस्सा नाजुक मोड़ पर प्रभावित हो सकता है।
अमेरिका पर क्या असर होगा?
अमेरिका ने 2024 में भारत को लगभग 42 अरब डॉलर मूल्य का सामान निर्यात किया, जो भारत के निर्यात के आधे से भी कम है। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद, अमेरिका अब चीन, भारत और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के साथ अलग तरह से व्यवहार कर रहा है। इसका मतलब है कि भारत अब अमेरिका से अपनी शर्तों पर बात नहीं कर पाएगा। अमेरिका की तुलना में भारत को आर्थिक रूप से ज्यादा नुकसान होगा, लेकिन अमेरिका को भी इसकी कीमत चुकानी होगी. खास तौर पर, अमेरिकी विश्वविद्यालयों में आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में भारी कमी हो सकती है। india us relations | Russia India US Relations | India US relations 2025 | India Export News India US Relations