नई दिल्ली, वाईवीएन नेटवर्क |
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प द्वारा अन्य देशों पर 2 अप्रैल से प्रस्तावित पारस्परिक टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद भारत सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है | इस समिति को अमेरिका से आयात पर टैरिफ राहत की समीक्षा करने का काम सौंपा गया है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के तहत बनाई गई यह समिति 15 मार्च तक अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को सौंप सकती है।
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'न कम न ज्यादा'
समिति उन टैरिफ की समीक्षा करेगी जो वर्तमान में 15-20 प्रतिशत, 50-70 प्रतिशत और 70-80 प्रतिशत के बीच हैं। इस समिति का काम उनं आयात चीजों की जांच करना होगा जिन पर टैरिफ राहत हो सकती है | यह कदम तब आया जब हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिकी दौरे पर राष्ट्रपति ट्रम्प ने सभी देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाने का ऐलान किया था | ट्रम्प का कहना था की जो देश हम पर जितना टैरिफ लगाएगा, अमेरिका उन देशों पर उतना ही टैरिफ लगाएगा | 'न कम न ज्यादा' |
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भारतीय निर्यात पर असर
इस निर्णय से भारतीय निर्यात पर काफी असर पड़ेगा | अमेरिका द्वारा ज्यादा टैरिफ लगने से भारतीय चीजों की अमेरिकी बाजारों में काम बिक्री होगी जिससे भारतीय निर्यात पर काफी असर पड़ेगा | दोनों देशों के बीच अच्छे व्यापारिक संबंध बनाए रखने के लिए भारतीय सरकार जल्द ही कुछ ठोस कदम उठा सकती है |केंद्रीय बजट 2025-26 में भारत ने बोरबॉन व्हिस्की पर टैरिफ को 150 प्रतिशत से घटाकर 100 प्रतिशत कर दिया और फिश हाइड्रोलाइजेट, स्क्रैप सामग्री, उपग्रह उपकरण, ईथरनेट स्विच और हाई-एंड मोटरसाइकिल जैसे आयात पर शुल्क कम कर दिया था।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा दोनों देशों के बीच वर्ष 2030 तक $500 अरब के व्यापारिक संबंध का लक्ष्य रखा है |