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Jerusalem में अंधाधुंध फायरिंग से दहशत, बड़े एक्शन की तैयारी में IDF | यंग भारत न्यूज Photograph: (X.com)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । सोमवार की सुबह यरुशलम के रामोट जंक्शन पर एक बस में सवार यात्रियों ने सोचा भी नहीं था कि उनका सफर आखिरी होने वाला है। अचानक, दो हथियारबंद हमलावरों ने बस में घुसकर गोलियों की बौछार कर दी। देखते ही देखते 6 बेगुनाह लोगों की जिंदगी खत्म हो गई, जबकि छह की हालत गंभीर बनी हुई है। इस हमले के बाद पूरे इजरायल में दहशत का माहौल है और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 'आतंकवाद के खिलाफ एक शक्तिशाली युद्ध' का ऐलान कर दिया है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, यह हमला एक सुनियोजित आतंकी साजिश का हिस्सा लग रहा है। हमलावरों की पहचान और उनके ठिकानों का पता लगाने के लिए इजरायली डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने तत्काल कदम उठाए हैं।
आईडीएफ के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जमीर ने हमले के बाद एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें उन्होंने वेस्ट बैंक में सैनिकों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन गांवों की घेराबंदी करने का आदेश भी दिया गया है जहां से ये हमलावर आए थे। यह कदम इस बात का साफ संकेत है कि इजरायल इस हमले का कड़ा जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
खत्म होनी चाहिए हिंसा: यूरोपीय संघ का बयान इस खूनी हमले की सिर्फ इजरायल ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी निंदा की है।
यूरोपीय संघ (EU) के प्रवक्ता अनौर अल अनौनी ने इस घटना को दुखद बताते हुए सभी तरह की हिंसा की निंदा की। उन्होंने कहा कि "दोनों पक्षों के नागरिक, फिलिस्तीनी और इजरायली, बहुत लंबे समय से पीड़ित हैं। अब इस हिंसा के चक्र को तोड़ने का सही समय है।"
हालांकि, इस तरह के बयान हमेशा तनाव कम करने की अपील करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
'मैं खुद को बचा पाई': एक चश्मदीद की जुबानी
हमले के दौरान बस में मौजूद एक महिला ने अपनी आपबीती सुनाई, जिसे सुनकर रूह कांप जाती है। चैनल 12 से बात करते हुए उस महिला ने बताया, "जैसे ही ड्राइवर ने दरवाजा खोला, आतंकवादी अंदर आ गए। यह भयानक था। मैं पिछले दरवाजे के पास थी और किसी तरह खुद को बचाकर वहां से निकल पाई।" यह बयान बताता है कि आम लोगों के लिए यह कितना दर्दनाक और भयावह अनुभव था।
नेतन्याहू का सख्त रुख: आतंक के खिलाफ एक्शन
इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने साफ कर दिया है कि इजरायल अब चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने कहा, "हम आतंकवाद के खिलाफ एक शक्तिशाली युद्ध लड़ रहे हैं।" उनके इस बयान से स्पष्ट है कि इजरायल आने वाले दिनों में और भी सख्त कदम उठा सकता है।
आईडीएफ के वेस्ट बैंक में सेना की तैनाती बढ़ाने और हमलावरों के गांवों की घेराबंदी करने के फैसले से यह साफ है कि इजरायल सिर्फ निंदा नहीं, बल्कि कार्रवाई पर भरोसा कर रहा है। गाजा पट्टी पर पहले से ही तनाव बना हुआ है, ऐसे में यह नया हमला पूरे क्षेत्र में एक बार फिर से अशांति फैला सकता है।
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