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Iran Israel War: ईरान ने माना, अमेरिका के हमले में परमाणु केंदों को भारी नुकसान पहुंचा

पहली बार ईरान ने स्वीकार किया है कि अमेरिका के हमले में भारी नुकसान पहुंचा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बघाई ने एक इंटरव्यू ने नुकसान की पुष्टि की है।  ईरान ने फिर परमाणु कार्यक्रम चलाया तो दोबारा होंगे हमले

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Mukesh Pandit
Fordo nuclear facility after the US attack

Photograph: (Google)

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तेहरान, वाईबीएन डेस्क। अमेरिका के घातक बी-2 बमबर्षक विमानों ने ईरान के परमाणु ठिकानों को लगभग तबाह कर दिया था, इसे लेकर दुनियाभर में बहस छिड़ी हुई थी कि इन सेंटरों को कितना नुकसान पहुंचा? अब पहली बार ईरान ने स्वीकार किया है कि अमेरिका के हमले में भारी नुकसान पहुंचा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बघाई ने एक इंटरव्यू ने नुकसान की पुष्टि की है।  ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के लिए अमेरिका ने बी-2 बमवर्षक विमानों को भेजा। इन विमानों ने अमेरिका से उड़ान भरी और ऑपरेशन खत्म होने के बाद बिना रुके वहीं लौट गए। इतने लंबे समय तक पायलट बिना थके कैसे उड़ान भरते रहे।

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ईरानी प्रवक्ता ने कहा - नुकसान में कोई शक नहीं

अल जजीरा को दिए गए एक इंटरव्यू में ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बघाई ने इस बात की पुष्टि की। हालांकि बघाई ने हमलों की विस्तार से जानकारी देने से इनकार किया, लेकिन उन्होंने माना कि रविवार को अमेरिकी B-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स द्वारा किए गए हमले काफी गंभीर थे। उन्होंने कहा, "हमारे परमाणु साइटों को काफी नुकसान पहुंचा है, इसमें कोई शक नहीं"।

American bombrs

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बंकर बस्टर बमों का हुआ इस्तेमाल

बताया जा रहा है कि अमेरिका ने इन हमलों में खास तरह के 'बंकर बस्टर बम' का इस्तेमाल किया, जो जमीन के नीचे बने कड़े और सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करने के लिए बनाए जाते हैं। लगभग 5,800 किलो से ज्यादा वजन वाले बम के साथ सात विमानों ने लगातार 18 घंटे तक उड़ान भर कर ईरान तक का सफर तय किया। यहां ईरान के परमाणु ठिकानों पर बम गिराने का ऑपरेशन पूरा करने के बाद भी वो रुके नहीं बल्कि वापस फिर वहीं चले गए जहां से आए थे। यानी लगभग इतने ही वक्त की एक और उड़ान अमेरिकी वायु सेना ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक इन विमानों ने तकरीबन 35 घंटे तक लगातार उड़ान भरी।

ईरान ने फिर परमाणु कार्यक्रम चलाया तो दोबारा होंगे हमले

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उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यदि ईरान ने दोबारा परमाणु सेंटर चालू करके परमाणु कार्यक्रम को जारी रखा तो अमेरिका दोबारा उस पर हमला करने से पीछे नहीं रहेगा। ट्रंप उस सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें उनसे पूछा गया था कि ईरान की परमाणु एजेंसी ने दावा किया था कि वह अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रखेगा। इससे साफ है कि अमेरिकी किसी भी सूरत में ईरान को बख्शने के मूड में नहीं है। 

ईरान में इंटरनेट सेवा फिर से सामान्य हुई 

ईरान के संचार मंत्री सत्तार हाशेमी ने कहा है कि देश में इंटरनेट सेवा अब वापस अपनी "पहली जैसी स्थिति" में आ गई है। अर्थात हालिया सरकारी प्रतिबंधों से पहले जैसी। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए भरोसा दिलाया कि "ऐसी स्थिति दोबारा नहीं होगी।"सरकार ने 17 जून को यह कहकर इंटरनेट धीमा किया था कि यह "साइबर हमलों से निपटने की रणनीति" है, लेकिन कई हिस्सों में लगभग पूरी तरह इंटरनेट ब्लैकआउट की स्थिति रही.

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ईरान के परमाणु ठिकानों की निगरानी चाहता है IAEA

अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा है कि उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता ये है कि IAEA के जांच अधिकारी फिर से ईरान के परमाणु ठिकानों पर जाकर जांच करें। खासकर यह देखने के लिए कि हाल ही में अमेरिका और इजरायल के हमलों के बाद वहां क्या नुकसान हुआ है और ईरान के पास कितना संवर्धित यूरेनियम बचा है। बताते दें कि जानकारों का कहना है कि ईरान अब तक केवल 60 प्रतिशत तक की यूरेनियम का संवर्धन कर सका है, जबकि परमाणु बम के लिए 90 प्रतिशत तक की आवश्यकता पड़ती है।  iran israel | Iran Israel Conflict | iran israel war | iran israel conflict update | mallikarjun kharge on iran israel war not present in content

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