नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: इजरायल के साथ 12 दिनों तक चले संघर्ष और उसके बाद लागू हुए संघर्षविराम के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने पहली बार बयान आया है। इस बयान में उन्होंने अमेरिका और इजरायल दोनों पर तीखा हमला बोला है और इस युद्ध में ईरान की "जीत" बताया है। खामेनेई ने कहा कि हमने अमेरिका के चेहरे पर जोरदार तमाचा मारा है। उन्होंने ईरान को बधाई देते हुए इजरायल को 'झूठा जायोनी शासन' कहकर उसकी पराजय का दावा किया। उन्होंने आगे कहा कि इस्लामी गणराज्य की कार्रवाइयों से इजरायल लगभग ध्वस्त हो गया है।
अमेरिका को इस युद्ध से कुछ हासिल नहीं हुआ
ईरानी समाचार एजेंसी इरना के अनुसार खामेनेई ने कहा कि अमेरिका इसलिए इस संघर्ष में शामिल हुआ क्योंकि उसे डर था कि अगर वह हस्तक्षेप नहीं करता तो इजरायल पूरी तरह नष्ट हो सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को इस युद्ध से कुछ हासिल नहीं हुआ है।खामेनेई ने यह भी दावा किया कि ईरान ने खाड़ी क्षेत्र में अमेरिका के अल-उदीद एयरबेस पर हमला किया जिससे अमेरिकी सैन्य ढांचे को नुकसान पहुंचा। उन्होंने इसे अमेरिका के लिए 'जोरदार तमाचा' बताया।
ईरान किसी के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेगा
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने अपने हालिया बयान में ईरानी राष्ट्र की महानता और आत्मसम्मान को रेखांकित करते हुए कहा कि ईरान एक महान और नेक राष्ट्र है जिसकी सांस्कृतिक और सभ्यतागत विरासत अमेरिका जैसे देशों की तुलना में सैकड़ों गुना अधिक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जो भी यह सोचता है कि ईरान किसी बाहरी दबाव या ताकत के आगे झुक जाएगा या आत्मसमर्पण करेगा वह पूरी तरह भ्रमित हैंं। खामेनेई ने कहा कि ईरानी राष्ट्र को न केवल सम्मान और गौरव के साथ देखा जाता है, बल्कि यह हमेशा अपने सिद्धांतों और आत्मसम्मान के साथ खड़ा रहा है और आगे भी खड़ा रहेगा। Ayatollah Ali Khamenei | iran israel