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Iran- America talks: Iran ने दी ऐसी चेतावनी, America-Israel हमले की तैयारी में

ईरान ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी समझौते के बावजूद यूरेनियम संवर्धन नहीं रोकेगा। अमेरिका और इसरायल की ओर से सैन्य कार्रवाई की आशंका जताई जा रही है।

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Dhiraj Dhillon
Iranian Foreign Minister Abbas Araghchi

Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु कार्यक्रम पर जारी तनातनी एक बार फिर तेज हो गई है। ईरान ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी समझौते की स्थिति में यूरेनियम संवर्धन नहीं रोकेगा। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने बुधवार को दो टूक कहा, “चाहे समझौता हो या न हो, संवर्धन जारी रहेगा।” अराघची का यह बयान ऐसे समय आया है जब दोनों देशों के बीच रोम में पांचवें दौर की अप्रत्यक्ष बातचीत की अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि, आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है। ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु वार्ता की चौथे चरण की अप्रत्यक्ष बातचीत 12 मई को हुई थी।
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वार्ता में हिस्सा लेने पर विचार कर रहा ईरान

ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अगले दौर की वार्ता में शामिल होगी या नहीं, इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है। साथ ही उन्होंने अमेरिका पर बातचीत को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने भी वार्ता पर निराशा जताते हुए कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि इससे कोई ठोस नतीजा निकलेगा।

इसरायल कर रहा सैन्य हमले की तैयारी?

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इसी बीच अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स में बड़ा दावा सामने आया है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, इसरायल ईरान के परमाणु ठिकानों पर सैन्य हमले की तैयारी कर रहा है। अमेरिका ने इन गतिविधियों पर चिंता जताई है, जिससे मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ने की आशंका है।

2015 परमाणु समझौते से टूटे रिश्ते

2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते के तहत यूरेनियम संवर्धन की सीमा 3.67 प्रतिशत तय की गई थी। लेकिन 2018 में डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका को इस समझौते से बाहर करने के बाद ईरान ने यह सीमा तोड़ दी। अब ईरान 60 प्रतिशत तक यूरेनियम संवर्धन कर रहा है, जो हथियारों के स्तर (90 प्रतिशत) के बेहद करीब है।
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क्या हो सकता है अगला कदम?

अमेरिका और इसरायल दोनों ही ईरान पर परमाणु गतिविधियां रोकने का दबाव बना रहे हैं। ट्रंप ने संकेत दिए थे कि अगर समझौता नहीं होता तो सैन्य कार्रवाई हो सकती है। वहीं, इसरायल पहले ही एकतरफा हमले की चेतावनी दे चुका है। कुल मिलाकर ईरान-अमेरिका परमाणु वार्ता एक बार फिर संकट के मुहाने पर खड़ी है। ईरान जहां अपने रुख पर अड़ा हुआ है, वहीं अमेरिका और इसरायल की सैन्य प्रतिक्रिया की आशंका से तनाव चरम पर है। आने वाले दिन मध्य पूर्व की सुरक्षा और वैश्विक कूटनीति के लिहाज से बेहद अहम होंगे।
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