गाजा, आईएएनएस।
फलस्तीनी विदेश मंत्रालय और प्रवासी मंत्रालय ने इसरायली सेना से गाजा पट्टी से हटने और फलस्तीन राज्य को अपनी जिम्मेदारियां निभाने का अवसर देने की अपील की है। फलस्तीनी विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस बयान में कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस कब्जे के खिलाफ कदम उठाना चाहिए ताकि युद्धविराम स्थापित किया जा सके और फलस्तीन राज्य को अपने वैध संस्थानों के साथ गाजा और 1967 से कब्जे वाले पूरे फलस्तीनी क्षेत्र पर अपनी संप्रभुता बढ़ाने का मौका मिले। मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वह फिलिस्तीनी लोगों और उनके अधिकारों के खिलाफ हो रही आक्रामकता को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाए।
पहले चरण को 42 दिन और बढ़ाने की मांग की
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, इससे पहले शनिवार को हमास और इजरायल के बीच तीन चरणों में होने वाले युद्ध विराम समझौते का 42 दिन का पहला चरण समाप्त हो गया था, लेकिन इसके अगले चरण के लिए कोई सफलता की घोषणा नहीं की गई। इसरायल ने पहले चरण को 42 दिन और बढ़ाने की मांग की, लेकिन हमास ने इसे अस्वीकार कर दिया और दूसरे चरण के लिए बातचीत शुरू करने की इच्छा जताई। दूसरे चरण में इजरायली बंधकों की रिहाई, गाजा से इजरायली सेना की पूर्ण वापसी और स्थायी युद्धविराम की शर्तें तय की जानी हैं।
सेना गाजा-मिस्र सीमा से हटने के लिए तैयार नहीं
बता दें कि इससे पहले गुरुवार को इजरायली अधिकारियों ने कहा था कि सेना गाजा-मिस्र सीमा से हटने के लिए तैयार नहीं है, जबकि संघर्ष विराम समझौते में शनिवार तक वापसी की बात की गई थी। इस समझौते के पहले चरण के दौरान, इजरायल को सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में चार बंधकों के शव मिले, जिनकी पहचान बाद में फोरेंसिक विशेषज्ञों ने की। इसरायली प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, तीन बंधकों की मौत उनकी कैद के दौरान हुई, जबकि चौथे की मौत 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले में हुई थी। तेल अवीव में फोरेंसिक विशेषज्ञों ने हमास द्वारा शव सौंपे जाने के बाद चार शवों की पहचान की पुष्टि की थी।