नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
15 महीने से युद्ध की आग झेल रहे गाजा ने युद्ध विराम की घोषणा के बाद राहत की सांस ली ही थी कि इसराइल ने फिर से गाजा पट्टी पर हमले शुरू कर दिए हैं। युद्ध विराम के बाद भी इसराइली सेना हमले रोकने को तैयार नहीं है।
आपको बता दें कि इसराइल और हमास के बीच संघर्ष विराम समझौता रविवार यानी 19 जनवरी से लागू हो जाएगा। लेकिन संघर्ष विराम समझौते के लागू होने में बचे समय में भी इसराइली सेना ने गाजा पट्टी में अपने हमले कम नहीं किए हैं। बुधवार यानी 15 जनवरी को इसराइली सेना ने फिर गाजा पट्टी में विस्फोट किया। गाजा की सिविल डिफेंस अकादमी ने बताया कि हाल ही में हुए इसराइली हमले में गाजा के 86 लोगों की जान चली गई जबकि 256 लोग घायल बताए जा रहे हैं।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा नागरिक सुरक्षा एजेंसी के प्रवक्ता महमूद बसल ने गुरुवार (16 जनवरी) को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा,
"बुधवार (15 जनवरी) को संघर्ष विराम समझौते की घोषणा के बाद से इसराइली हमलों में 86 लोग मारे गए हैं और 258 घायल हुए हैं। संघर्ष विराम की घोषणा के तुरंत बाद की अवधि में यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है।"
इसराइल के प्रधानमंत्री का बयान
इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा,
''गाजा पट्टी में हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की वापसी के लिए संघर्ष विराम समझौता हो गया है। समझौते को मंजूरी देने के लिए शुक्रवार (17 जनवरी, 2025) को सुरक्षा कैबिनेट की बैठक बुलाई जाएगी और फिर सरकार समझौते को मंजूरी देगी।''
आपको बता दें कि 16 जनवरी को इसराइल में युद्ध विराम के मसौदे पर कैबिनेट की बैठक होनी थी, जिसमें मंत्रियों को युद्ध विराम के मसौदे पर वोट करना था जिसमें गाजा पट्टी में युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई शामिल थी। लेकिन इसराइल सरकार ने इस बैठक को रद्द कर दिया है। अब सवाल यह उठता है कि बैठक रद्द करके इसराइल सरकार क्या कहना चाहती है।