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इसरायल की सुप्रीम कोर्ट ने शिन बेट प्रमुख की बर्खास्तगी को बताया 'अवैध'

इसरायल की सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में इजरायल की शिन बेट घरेलू सुरक्षा एजेंसी के प्रमुख रोनेन बार को बर्खास्त करने के सरकार के फैसला को ‘अवैध और कानून के विरुद्ध’ बताया है।

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Mukesh Pandit
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Israel's top court rules dismissal of Shin Bet chief 'illegal'

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यरूशलम, आईएएनएस। इसरायल की सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में इसरायल की शिन बेट घरेलू सुरक्षा एजेंसी के प्रमुख रोनेन बार को बर्खास्त करने के सरकार के फैसला को ‘अवैध और कानून के विरुद्ध’ बताया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि तीन जजों की पीठ ने बुधवार को अपने फैसले में कहा कि बर्खास्तगी की प्रक्रिया ‘अनुचित और कानून का उल्लंघन’ थी।

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क्या है "कतर-गेट" मामला

फैसले में यह भी उल्लेख किया गया है कि "कतर-गेट" मामले में जारी जांच के चलते इसरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के हितों में टकराव की स्थिति उत्पन्न होती है। 7 अक्टूबर को हमास के नेतृत्व वाले हमले को रोकने में नाकामी को लेकर बार और नेतन्याहू के बीच गतिरोध पैदा हो गया था। "कतर-गेट" मामले में नेतन्याहू के करीबी सहयोगियों और कतर सरकार के बीच कथित गुप्त संपर्कों की जांच हो रही है, जिसने इस तनाव को और बढ़ा दिया।

बर्खास्तगी को दी गई थी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

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सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च में नेतन्याहू ने बार पर भरोसा खोने का हवाला देते हुए बर्खास्तगी की घोषणा की थी। अटॉर्नी जनरल गली बहारव-मियारा और विपक्षी नेताओं ने इस बर्खास्तगी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसने इस फैसले को आगे की समीक्षा तक स्थगित कर दिया।

अप्रैल के अंत में बार ने घोषणा की थी कि वे 15 जून को इस्तीफा दे देंगे। हालांकि, अगले दिन इसरायल सरकार ने बार को बर्खास्त करने का फैसला रद्द कर दिया और सुप्रीम कोर्ट से इस बर्खास्तगी के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज करने के लिए कहा। तर्क दिया कि बार के इस्तीफे के बाद ये याचिकाएं अप्रासंगिक हो गई थीं।

कतर ने बताया था आरोपों को बेबुनियाद

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कथित तौर पर यह समझौता नेतन्याहू के कार्यालय से कतर के हितों को बढ़ावा देने के लिए था। कतर ने इन आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें बेबुनियाद बताया है।कोर्ट ने यह भी फैसला सुनाया कि नेतन्याहू सरकार बर्खास्तगी को संबंधित सलाहकार समिति के समक्ष प्रस्तुत करने में विफल रही और बार के लिए कानूनी रूप से आवश्यक सुनवाई नहीं की।

गोपनीय दस्तावेज लीक कांड जांच

सुप्रीम कोर्ट के अध्यक्ष न्यायमूर्ति यित्जाक  ने लिखा कि बर्खास्तगी के समय नेतन्याहू हितों के टकराव की स्थिति में थे, क्योंकि उनके सहयोगियों की "कतर-गेट" मामले और एक अलग गोपनीय दस्तावेज लीक कांड में जांच चल रही थी। अमित ने कहा, "यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है, क्योंकि प्रधानमंत्री ने खुद बार-बार स्वीकार किया है कि ये जांचें उनकी व्यक्तिगत और राजनीतिक स्थिति को प्रभावित कर सकती हैं।"

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बार इन जांचों में सीधे शामिल 

जज ने कहा, "चूंकि बार इन जांचों में सीधे शामिल हैं, इसलिए उनके कार्यकाल को समाप्त करना जांच के रास्ते को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है।"उन्होंने निष्कर्ष निकाला, "इसलिए, कोर्ट का मानना है कि प्रधानमंत्री हितों के टकराव की स्थिति में हैं, जो उन्हें शिन बेट निदेशक के पद को समाप्त करने में हस्तक्षेप करने से रोकता है।" चैनल 12 ने बताया कि इस फैसले से नेतन्याहू को बार के उत्तराधिकारी की घोषणा करने की अनुमति मिलती है।

20 मार्च को इसरायल सरकार ने 10 अप्रैल से बार की बर्खास्तगी की घोषणा की थी। बाद में कोर्ट ने विपक्षी सांसदों द्वारा दायर याचिकाओं की समीक्षा तक उनकी बर्खास्तगी या प्रतिस्थापन को रोकने के लिए निषेधाज्ञा जारी की थी। कोर्ट के आदेश के बावजूद, बार ने 28 अप्रैल को घोषणा की थी कि वे 15 जून को स्वेच्छा से इस्तीफा दे देंगे। Israel | Israeli | Israel News | israel india relations

 

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