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न्यूयॉर्क, वाईबीएन डेस्क।विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भारत आजादी के बाद से ही आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहा है, क्योंकि उसका पड़ोसी देश वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है। उसे अपने गिरेबां में झांककर देखना चाहिए। सीमा पार से हुई बर्बरता का सबसे ताजा उदाहरण इस साल अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या थी। विदेश मंत्री जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा, ‘‘हमें आज स्वयं से पूछना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र किस प्रकार अपेक्षाओं पर खरा उतरा है।’’
Three pillars of Bharat's approach:
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) September 27, 2025
1⃣ Aatmanirbharta
2⃣ Aatmaraksha
3⃣ Aatmavishwas #UNGA80pic.twitter.com/n45OElAmye
भारत की जनता का नमस्कार
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र की आम बहस में अपने संबोधन में, जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान की सीमा पार बर्बरता का सबसे ताजा उदाहरण पहलगाम हमला है। जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से विश्व नेताओं को अपने संबोधन की शुरुआत 'भारत की जनता का नमस्कार' के साथ कीय़ उन्होंने कहा कि दशकों से, बड़े अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हमलों का कारण उसी एक देश को माना जाता रहा है, जिसका स्पष्ट संदर्भ पाकिस्तान था। भारत स्वतंत्रता के बाद से ही आतंकवाद का सामना कर रहा है जबकि हमारा पड़ोसी देश दशकों से वैश्विक आतंकवाद का केन्द्र रहा है।
हमारा पड़ोसी आतंकवाद का केंद्र
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "भारत आजादी के बाद से ही आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहा है, क्योंकि उसका पड़ोसी वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है," उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल में उपस्थित लोगों की तालियों के बीच इस बात की जानकारी दी. उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में पाकिस्तानी नागरिक भरे पड़े हैं. उन्होंने कहा कि, सीमा पार बर्बरता का सबसे ताजा उदाहरण इस साल अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या है। जयशंकर ने आगे कहा कि, भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने लोगों की रक्षा करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया और इसके आयोजकों और अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया।
आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देश भी गुनाहगार
भारत ने आगाह किया कि जो लोग आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों का समर्थन करते हैं, उन्हें पता चलेगा कि यह उन्हें काटने के लिए वापस आएगा। भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में मई में 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। भारत ने यूक्रेन और गाजा में शत्रुता समाप्त करने का आह्वान किया। साथ ही भारत ने यूक्रेन और गाजा में शत्रुता समाप्त करने का आह्वान किया और शांति बहाल करने में मददगार किसी भी पहल का समर्थन किया। जयशंकर ने कहा कि, हममें से प्रत्येक के पास शांति और समृद्धि में योगदान देने का अवसर है।
समाधान की तलाश में आगे आना चाहिए
उन्होंने कहा कि, संघर्षों के मामले में, विशेष रूप से यूक्रेन और गाजा में, यहां तक कि जो लोग सीधे तौर पर इसमें शामिल नहीं हैं, उन्होंने भी इसका प्रभाव महसूस किया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल के प्रतिष्ठित मंच से विश्व नेताओं को संबोधित करते हुए, जयशंकर ने कहा कि जो देश सभी पक्षों को शामिल कर सकते हैं, उन्हें समाधान की तलाश में आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि, भारत शत्रुता समाप्त करने का आह्वान करता है और शांति बहाल करने में मददगार किसी भी पहल का समर्थन करेगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भले ही दो महत्वपूर्ण संघर्ष चल रहे हैं, एक यूक्रेन में और दूसरा पश्चिम एशिया में लेकिन अनगिनत अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे खबरों में भी नहीं आते। : united states | United India | united nations organization | Kashmir issue United Nations