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Japans Prime Minister Shigeru Ishiba
टोक्यो, वाईबीएन डेल्क।जापान के नेशनल ब्रॉडकास्टर NHK की खबर के मुताबिक शिगेरू इशिबा ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दिया है ताकि सत्ताधारी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी में फूट को रोका जा सके। प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के इस्तीफे के बाद अब सबकी नजरें इस पर हैं कि दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का अगला नेता कौन होगा? अगले प्रधानमंत्री का चयन इस बार पहले से कहीं ज्यादा कठिन माना जा रहा है, क्योंकि इशिबा की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) और सहयोगी दल ने उनके कार्यकाल के दौरान संसद के दोनों सदनों में अपना बहुमत खो दिया है
जानें क्यों उठाना पड़ा ये कदम
एनएचके की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री इशिबा ने पार्टी में फूट को रोकने के लिए इस्तीफा दिया। वहीं जापान के प्रमुख डेली असाही शिंबुन अख़बार का कहना है कि वे बढ़ते दबाव और इस्तीफे की मांगों का सामना नहीं कर पा रहे थे। खबर है कि पूर्व प्रधानमंत्री और मौजूदा कृषि मंत्री ने शनिवार रात इशिबा से मुलाकात कर उन्हें स्वेच्छा से पद छोड़ने की सलाह दी थी। पिछले हफ़्ते पार्टी के उपनेता हिरोशी मोरियामा समेत एलडीपी के चार वरिष्ठ नेताओं ने भी अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी।
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, एलडीपी के सांसद और स्थानीय अधिकारी जो नया नेता चाहते हैं, वे सोमवार को एक औपचारिक अनुरोध देंगे। अगर पर्याप्त सदस्यों का समर्थन मिला तो पार्टी में नया नेतृत्व चुनाव कराया जाएगा। 68 साल के इशिबा ने पिछले साल अक्टूबर में ही पदभार संभाला था। यानी वो एक साल भी इस पद पर नहीं टिके। एक साल के अंदर ही उन्होंने देश के दोनों सदनों में बहुमत खो दिया है।
इशिबा के सत्तारूढ़ गठबंधन को करारा झटका
पिछले एक महीने से अधिक समय से उनका अपनी ही पार्टी के भीतर विरोध हो रहा था, विरोध करने वाले ज्यादातर दक्षिणपंथी गुट था। दरअसल जुलाई में, इशिबा के सत्तारूढ़ गठबंधन को करारा झटका लगा था। यह गठबंधन एक महत्वपूर्ण संसदीय चुनाव में 248 सीटों वाले उच्च सदन में बहुमत हासिल करने में विफल रहा, जिससे उनकी सरकार की स्थिरता को और झटका लगा।
पिछले साल संभाली थी पार्टी की बागडोर
शिगेरु इशिबा ने पिछले साल अक्टूबर में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) की कमान संभाली थी, लेकिन इसके बाद से ही पार्टी संसद के दोनों सदनों में अपना बहुमत गंवा चुकी है। वह पिछले एक महीने से अपनी ही पार्टी के दक्षिणपंथी नेताओं के दबाव का सामना कर रहे थे, जो उनसे इस्तीफे की मांग कर रहे थे। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, इशिबा का इस्तीफा उस फैसले से ठीक एक दिन पहले आया है, जिसमें एलडीपी ने जल्द नेतृत्व चुनाव कराने की बात कही थी। अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता, तो यह उनके खिलाफ अविश्वास जैसा कदम माना जाता।
ये हैं जापान के पीएम पद के दावेदार
64 साल की ताकाइची जीतती हैं, तो वे जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनेंगी। वे एलडीपी की वरिष्ठ नेता हैं और आर्थिक सुरक्षा मंत्री से लेकर आंतरिक मामलों की मंत्री तक कई अहम पदों पर काम कर चुकी हैं। पिछले साल हुए पार्टी चुनाव में वह इशिबा से हार गई थीं। ताकाइची अपने रूढ़िवादी विचारों के लिए जानी जाती हैं। वह जापान के युद्ध में मारे गए सैनिकों को सम्मान देने के लिए अक्सर यासुकुनी मंदिर जाती हैं। हालांकि, कई पड़ोसी देश इस मंदिर को पुराने सैन्यवाद की निशानी मानते हैं। आर्थिक नीतियों में वह बैंक ऑफ जापान द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने की मुखर विरोधी रही हैं और कमजोर अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए सरकारी खर्च बढ़ाने की पक्षधर हैं।