नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच मिडिल ईस्ट फोरम के अनुसंधान निदेशक जोनाथन स्पायर ने पश्चिमी मीडिया की कवरेज को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे "दुर्भाग्यपूर्ण" बताते हुए कहा कि पश्चिमी मीडिया इस्लामी आतंकवाद पर दोहरा मापदंड अपनाता है। स्पायर ने कहा, "जब इस्लामी आतंकी संगठन पश्चिमी नागरिकों या ठिकानों पर हमला करते हैं, तो उन्हें मीडिया स्पष्ट रूप से आतंकवादी कहता है, लेकिन जब वही संगठन गैर-पश्चिमी देशों जैसे भारत में नागरिकों को निशाना बनाते हैं, तो मीडिया अचानक तटस्थ बनने का ढोंग करता है और दोनों पक्षों की बातों को बराबरी से पेश करने लगता है। यह न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि पत्रकारिता के सिद्धांतों के भी खिलाफ है।"
पाकिस्तान की भूमिका को अनेदखा करना गलत
मिडिल ईस्ट फोरम के अनुसंधान निदेशक जोनाथन स्पायर ने आगे कहा कि पाकिस्तान की भूमिका को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनदेखा करना एक बड़ी भूल होगी। "पाकिस्तान लगातार इस्लामी आतंकी संगठनों को पनाह और समर्थन देता है, और यह भारत में होने वाले आतंकी हमलों की जड़ में है," स्पायर ने स्पष्ट रूप से कहा।
क्या है पूरा मामला
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक
मिसाइल हमले किए। इसके बाद
पाकिस्तान ने कई ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश की, जिन्हें भारतीय सुरक्षा बलों ने विफल कर दिया।
इस घटनाक्रम की पश्चिमी मीडिया में चल रही कवरेज को लेकर जोनाथन स्पायर ने चेतावनी दी है कि अगर आतंकवाद पर दोहरा रवैया अपनाया गया तो वैश्विक स्तर पर इसकी गंभीर कीमत चुकानी पड़ सकती है।
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