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ब्रिटेन के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित भारतीय रेस्तरां में शामिल ‘वीरास्वामी’ पट्टे के विस्तार को लेकर कानूनी लड़ाई में उलझा हुआ है, जिससे उसके मध्य लंदन के प्रतिष्ठित रीजेंट स्ट्रीट इलाके में उस परिसर को गंवाने का खतरा मंडरा रहा है, जहां वह लगभग 100 वर्षों से अपने ग्राहकों को उनके पसंदीदा व्यंजन परोस रहा है।
वीरास्वामी एक मिशेलिन-स्टार रेस्तरां है, जिसकी स्थापना अप्रैल 1926 में ‘विक्टरी हाउस’ इमारत में की गई थी। हालांकि, ‘विक्टरी हाउस’ के मलिकाना हक वाले ‘द क्राउन स्टेट’ इमारत में “बड़े पैमाने पर मरम्मत, साज-सज्जा एवं नवीनीकरण कार्य” करवाने जा रहा है, जिसके मद्देनजर उसने रेस्तरां के पट्टे की अवधि नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। ‘वीरास्वामी’ के पट्टे की अवधि जून में खत्म होने वाली है।
रेस्तरां के स्वामित्व वाली कंपनी ‘एमडब्ल्यू ईट’ ने अपने संरक्षित किरायेदारी अधिकार के तहत पट्टे के नवीनीकरण के लिए अदालत का रुख किया है। ‘एमडब्ल्यू ईट’ के निदेशक रणजीत मथरानी ने कहा, “वीरास्वामी सिर्फ एक प्रतिष्ठान नहीं, बल्कि एक जीवंत स्थान है, जो लंदन के मौजूदा पाक-कला परिदृश्य का एक अभिन्न हिस्सा है। ब्रिटेन की दिवंगत महारानी (एलिजाबेथ द्वितीय), राजकुमारी ऐनी और अन्य विदेशी शाही हस्तियां हमारे रेस्तरां में आ चुकी हैं।” उन्होंने कहा, “द क्राउन एस्टेट ने हमारे पट्टे की अवधि 24 जून के बाद बढ़ाने से इनकार कर दिया है और हमसे भूतल और पहली मंजिल पर स्थित हमारे रेस्तरां के परिसर को खाली करने को कहा है, ताकि वह वहां साज-सज्जा कार्य करवा सके।”
मथरानी ने कहा कि ‘एमडब्ल्यू ईट’ ने ‘द क्राउन एस्टेट’ के सामने ऐसे विकल्प पेश किए हैं, जिससे रेस्तरां का संचालन उसके ऐतिहासिक परिसर से जारी रखा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हालांकि, कंपनी समझौते को तैयार नहीं है और पूरी इमारत को कार्यालय परिसर में तब्दील करने पर अडिग है। ‘एमडब्ल्यू ईट’ समूह 1990 के दशक से ‘वीरास्वामी’ का संचालन कर रहा है international news | international law | International Trade News | International Relations