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Donald Trump से PAK PM और आर्मी चीफ करेंगे मुलाकात! क्या है इस मीटिंग के मायने? | यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अगले हफ्ते न्यूयॉर्क में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात कर सकते हैं। इस बैठक में पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर भी शामिल होंगे। जियो न्यूज के अनुसार, यह मुलाकात संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान होने की संभावना है। इस दौरान भारत-पाकिस्तान संबंधों, कश्मीर विवाद, और क्षेत्र में शांति बनाए रखने जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
इंडिया टुडे के अनुसार, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठकें शुरू हो चुकी हैं और दुनिया भर के नेता इस मंच पर इकट्ठा हो रहे हैं। इसी दौरान एक ऐसी मुलाकात की खबर सामने आई है जिस पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने वाले हैं, और इस बैठक में उनके साथ सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर भी मौजूद रहेंगे। यह बैठक कई मायनों में बेहद खास मानी जा रही है, खासकर भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के कारण।
भारत-पाकिस्तान के बिगड़ते रिश्ते: क्या है असली वजह?
भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते तब और बिगड़ गए, जब 22 अप्रैल को पहलगाम में एक आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 लोग मारे गए। इसके जवाब में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया। मई में दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध भी हुआ, लेकिन बाद में शांति बनाए रखने पर सहमति बनी।
ट्रंप ने कई बार दावा किया है कि इस युद्धविराम में उनकी मध्यस्थता रही है, हालांकि भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है।
क्या वाकई ट्रंप ने भारत-पाक के बीच मध्यस्थता की?
ट्रंप के दावे के बाद से भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में थोड़ी खटास आई थी। हालांकि, पाकिस्तान ने इस मौके का फायदा उठाते हुए अमेरिका से अपने संबंध मजबूत करने की कोशिश में लगा है। जून 2025 में, जनरल असीम मुनीर ने व्हाइट हाउस में ट्रंप से निजी मुलाकात भी की थी।
पाकिस्तान ने इस मुलाकात के बाद दावा किया कि ट्रंप ने ही भारत के साथ मई 2025 में हुए युद्धविराम में मदद की, जबकि भारत ने इस बात का जोरदार खंडन किया।
क्यों खास है यह मुलाकात?
यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंध बढ़ाने में रुचि दिखा रहा है।
आईएसआईएस आतंकी का हस्तांतरण: पाकिस्तान ने 2021 के काबुल हवाई अड्डे पर हुए हमले के लिए वांछित एक आईएसआईएस आतंकी को अमेरिका को सौंपा था।
ट्रंप ने अपने 'स्टेट ऑफ द यूनियन' भाषण में इस कदम की सार्वजनिक रूप से प्रशंसा की थी। आर्थिक सहयोग: पाकिस्तान ने अमेरिका को ऊर्जा और खनिज क्षेत्रों में निवेश के लिए भी आमंत्रित किया है। उसने ट्रंप समर्थित क्रिप्टोकरेंसी उद्यमों के साथ भी तालमेल बिठाया है। इन कदमों से दोनों देशों के बीच तनाव कम हुआ है।
ट्रंप ने पाकिस्तान में नई निवेश योजनाओं की घोषणा की है और पाकिस्तानी सामानों पर भारत की तुलना में कम टैरिफ लगाया है, जो संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत का संकेत है। इस बैठक में कतर और सऊदी अरब भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
पाकिस्तान की रणनीति: अमेरिका को साधने की कोशिश?
पिछले कुछ महीनों से पाकिस्तान राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका के साथ अपने संबंध सुधारने के लिए लगातार कोशिशें कर रहा है। पाकिस्तान की यह कोशिशें साफ तौर पर यह दिखाती हैं कि वह अमेरिका के साथ अपने रिश्ते को किस तरह से मजबूत करना चाहता है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुलाकात के बाद भारत-पाकिस्तान और अमेरिका के त्रिकोणीय संबंधों में क्या बदलाव आते हैं।
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