नई दिल्ली
, वाईबीएन डेस्क: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में भारत के पूर्वोत्तर सात राज्यों को लेकर विवादास्पद बयान दिया है, जिससे क्षेत्रीय राजनीति में तनाव बढ़ गया है। उन्होंने इन राज्यों को "भूमि से घिरा हुआ" (landlocked) बताते हुए बांग्लादेश को इनका "महासागर का एकमात्र संरक्षक" करार दिया। उनका कहना था कि इन राज्यों के पास समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है और बांग्लादेश इस क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक गेटवे बन सकता है।
चीन को निवेश बढ़ाने की अपील की
यूनुस ने यह बयान बीजिंग में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान दिया। जहां उन्होंने चीन से इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की अपील की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के बीच एक एकीकृत आर्थिक रणनीति बनाई जानी चाहिए, जिसमें जलविद्युत, स्वास्थ्य सेवा और सड़क संपर्क में सीमा पार सहयोग की संभावना पर जोर दिया गया है। इस बयान पर भारतीय नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे "आपत्तिजनक और दृढ़ निंदा योग्य" बताया और कहा कि यह बयान भारत के रणनीतिक 'चिकन नेक' कॉरिडोर की स्थिरता को चुनौती देता है।
बांग्लादेश भी खड़ी कर सकता है परेशानी
मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने 2024 में शेख हसीना के 15 साल के शासन के बाद सत्ता संभाली थी। उनकी सरकार ने लोकतांत्रिक संस्थाओं की बहाली, भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई और चुनावी सुधारों की दिशा में कदम उठाए हैं। हालांकि, उन्हें आंतरिक सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता और राजनीतिक दबावों का सामना भी करना पड़ रहा है। इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के संदर्भ में अपनी रणनीतिक सोच को पुनः परिभाषित करने का प्रयास कर रही है, जो क्षेत्रीय राजनीति में नई चुनौतियां उत्पन्न कर सकता है।